मख़दूम मोहीउद्दीन पर केंद्रित श्रृंखला--रात भर आपकी याद आती रही: छाया गांगुली की आवाज़ ।
रेडियोवाणी पर आप इन दिनों मखदूम मोहीउद्दीन के अशआर से होकर गुज़र रहे हैं । आपको याद दिला दें कि सबसे पहले हमने जो गीत सुना था उसके बोल थे--दो बदन प्यार की आग में जल गये । ये फिल्म 'चा चा चा' का गीत था । उसके बाद सुना--फिल्म 'उसने कहा था' का गीत--'जाने वाले सिपाही से पूछो वो कहां जा रहा है' । और फिर 'बाज़ार' फिल्म की ग़ज़ल आपको सुनवाई गयी--'फिर छिड़ी रात बात फूलों की' ।
अगर आपको लगा कि मख़दूम के गीतों का ख़ज़ाना इतना ही है तो आपको ग़लत लगा । क्योंकि अभी कुछ अनमोल नग़मे और बाक़ी हैं जो आपके दिल में सुकून का एक गहरा अहसास दे जाएंगे । यानी अगर आप मख़दूम के शैदाई हैं तो आपको कुछ दिन और रेडियोवाणी के फेरे लगाने होंगे ।
आज जो नग़मा मैं आपके लिए लेकर आया हूं उससे मेरा जुड़ाव काफी गहरा रहा है । ये एक बेहद सांद्र/गाढ़ा, विकल, परेशान कर देने वाला और जज़्बाती नग़मा है । ग़ज़ल है । इसे छाया गांगुली ने गाया है । छाया जी से मेरा परिचय लगभग ग्यारह साल पुराना है । छाया जी पर मैं पहले एक पोस्ट भी लिख चुका हूं जिसे आप यहां पढ़ सकते हैं ।
...... बांसुरी की सुरीली सुहानी सदा ......याद बन बनके आती रही रात भर
छायाजी मधुरानी और जयदेव की शिष्या रही हैं । अपनी पहली ही फिल्म ‘गमन’ के गीत के लिए छाया जी को सन 1979 में सर्वश्रेष्ठ गायिका का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था । इस फिल्म के संगीतकार जयदेव थे । ये एक ग़ज़ल थी, मखदूम मोहीउद्दीन की । रात भर आपकी याद आती रही । इस ग़ज़ल के संगीत-संयोजन पर ग़ौर कीजिये और महसूस कीजिए कि बहुत कम वाद्य यंत्रों के ज़रिए कैसा जादू रचते थे जयदेव ।
ये गीत छाया जी की एकदम गाढ़ी आवाज़ से शुरू होता है, पीछे ज्यादा साज़ नहीं हैं---एकदम साफ-शफ्फाफ़ आवाज़ । जैसे ही मुखड़ा खत्म होता है सितार की तरंग सुनाई देती है । और फिर अगला शेर । बांसुरी का बहुत सुंदर इस्तेमाल हुआ है जयदेव के संगीत में कई कई जगहों पर । इस गाने में भी बांसुरी वाली पंक्ति में बांसुरी सुनिए । वाह वाह करने को जी करेगा । इसके बाद जब 'याद के चांद' वाला शेर आता है तो इस गाने में पहली बार रिदम का इस्तेमाल सुनाई देता है ।
पता नहीं क्यों मुझे इस गीत को सुनकर सोज़/ग़म भरी उन रचनाओं की याद आ जाती है जिन्हें मुहर्रम पर गाया जाता है । इरफ़ान ने अपने ब्लॉग 'टूटी हुई बिखरी हुई' पर ऐसी ही एक रचना चढ़ाई थी । सोज़ का गाढ़ा सा रंग सीने में घुल जाता है इस गीत को सुनकर । बहरहाल आईये छायाजी की आवाज़ में ये गीत सुना जाए । ये रहे बोल और ये रहा प्लेयर ।
आपकी याद आती रही रात भर
रात भर चश्मे-नम मुस्कुराती रही
रात भर दर्द की शम्मां जलती रही
ग़म की लौ थरथराती रही रात भर
बांसुरी की सुरीली सुहानी सदा
याद बन बनके आती रही रात भर
याद के चांद दिल में उतरते रहे
चांदनी जगमगाती रही रात भर
कोई दीवाना गलियों में फिरता रहा
कोई आवाज़ आती रही रात भर ।।
मख़दूम मुहीउद्दीन पर केंद्रित इस श्रृंखला का सिरा अभी मैं पकड़े हुए हूं । इस गली में कुछ और नगीने बाक़ी हैं ।
10 comments:
यूनुस, अनंत धन्यवाद इस गीत के लिये। जयदेव के संगीत में एक spiritual peace महसूस होती है। और हां, पहली पोस्ट को पढ़कर ही यह track घ्यान में आया था और साथ में एक फ़ैज़ की एक ग़ज़ल, जिसमें प्रेरणा, मख़दूम की यही कृति है। जल्दी ही,आपको e-mail करती हूँ।
जिस दिन ऑफिस आते साथ ही अखबारों और अपडेशन के बोझ से दबे मन को छाया के सुर की नर्म छांह मिले, वो कैसा कमाल का दिन होगा। हर दिन को यूं ही सफल कर दिया करिए। एक बात और यूनुस, कुछ ऐसा नहीं हो सकता कि इस गाने को अपने घर के कम्प्ूयटर में सेव करके जब चाहे तब सुनती बैठूं। मुझे डाउनलोड करने को मत कहिएगा, कम्प्यूटर के मेरे ज्ञान से तो आप पूरी दुनिया को वाकिफ करवा चुके हैं। बाकी बातें अपने तक ही रखिए और धीरे से गाना मुझे मेल कर दीजिए या कुछ भी करके मेरे कम्प्यूटर में डाल दीजिए।
बहुत ही सुंदर लफ़्ज और मद्धम संगीत में छाया जी की डूबती उतराती आवाज़.
दिल मानो कहीं दूर सुनसान में खिंचता चला जाता है.
धन्यवाद.
युनुस जी! छाया जी के इस गीत को पहले भी आपके ब्लाग पर सुन चुका हूँ और अक्सर सुनता रहा हूँ. आज एक बार फिर सुन कर अच्छा लगा.
ग़मन का LP था , प्लेयर खराब हो चुका है। आप का शुक्रिया।
BAHUT PASAND HAI MUJHE YE GEET... POCKET TRANSISTER KO KAAN ME LAGAYE..... ANDHERE ME CHHAYA GEET ADHE JAGE ADHE SOYE HUE SUNTI HUI RATO.N KI YAAD DILA DI JAB AISE GEET AUR HI TOUCHING HO JAYA KARTE THE.
यह गीत तो मुझे बहुत प्रिय है। जहां भी सुनाई पड़ता है, कान लगा देता हूं।
इतने अच्छे अच्छे गाने सुनवाएगें तो कष्ट तो उठाना ही पढ़ेगा ना आप को, मेरी भी वही रिक्वेस्ट है जो मनिषा जी की है…:)
Yunusji
Shukriya for a wonderful song.
-Harshad Jangla
Atlanta, USA
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