आज लागी लागी नई धूप- रेडियोवाणी की आठवीं सालगिरह पर विशेष
रेडियोवाणी का कारवां नौ अप्रैल 2007 को शुरू हुआ था। यानी आज से तकरीबन आठ बरस पहले। इस तरह रेडियोवाणी आज अपने आठ बरस पूरे कर रहा है। ब्लॉगिंग की ये यात्रा उतार-चढ़ाव भरी रही है। इसने हमें दुनिया के अलग-अलग हिस्सों के लोगों से जोड़ा। संगीत-प्रेमियों का एक पूरा कारवां साथ चल पड़ा।
पिछले कुछ बरसों से अनेक कारणों से रेडियोवाणी पर लिखना कम हुआ है। कोशिश यही है और बहुत मन है कि यहां नियमितता फिर कायम की जाए। यहां शुक्रिया दिलीप का, जिसने हमें रेडियोवाणी की सालगिरह याद दिलाई। वरना सच तो ये है कि हमें ये तारीख़ याद ही नहीं थी।
रेडियोवाणी की सालगिरह पर आज हम आपके लिए लेकर आए हैं एक बिल्कुल नये गीतकार का फिलॉसॉफिकल गीत। पिछले बरस रजत कपूर की फिल्म आयी थी 'आंखों देखी'। ये गीतकार हैं वरूण ग्रोवर। वरूण ने अपना फिल्मी-सफर अनुराग कश्यप की 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से शुरू किया था। जहां उन्होंने 'इलेक्ट्रिक पिया', 'भूसे के ढेर' और 'मूरा' जैसे कई गाने लिखे थे। इसके बाद उन्होंने 'आंखों देखी' के गीत लिखे। 'आंखों देखी' एक प्रायोगिक फिल्म थी। फिल्मों के चलित व्याकरण और ढांचे से बिल्कुल अलग। और ज़ाहिर है कि इसमें गाने भी इसी तरह के चाहिए थे। पिछले दिनों विविध भारती के लिए मैंने वरूण से लंबी बातचीत की और उनके इस सफ़र के बारे में जाना। उन्होंने बताया कि इस फिल्म का हर गीत एक राग पर आधारित था। अगर आपने इस फिल्म के गीत नहीं सुने हैं तो ज़रूर सुनने चाहिए।
आज रेडियोवाणी पर हम आपके लिए लेकर आये हैं वरूण ग्रोवर का लिखा गीत--'आज लागी नई धूप'। इसके संगीतकार हैं सागर देसाई। गाना सचमुच एक 'नई धूप' है। अकसर हम अनायास खुश होते हैं। जीवन के कुछ छोटे-छोटे सच हमें आनंद से भर देते हैं। ये इसी आनंद का गीत है। यहां ये बताते चलें कि 'दम लगाके हईशा' के लिए वरूण के लिखे गीत इन दिनों हर रेडियो स्टेशन पर धूम मचाए हुए हैं। उनकी चर्चा फिर कभी।
Song: Aaaj laagi nai dhoop
Singer: kailash kher
Lyrics: Varun Grover
Music: Sagar Desai
Duration: 2:11
हाथ लागी लागी नई धूप
आज लागी लागी नई धूप।।
कि दिखे धुली साफ़ नई चदरिया
बिना दाग़ सारी डगरिया
दसों दिशा आज संवरिया।।
आज लागी लागी नई धूप।।
नज़र मेरी आज उड़ी है बिना कोई डोर हां
जहां पांव पड़ते जायें नहीं कोई छोर
डगर वही पहचानी है, खबर वही जग-जानी है
आंख देखी तो मानी है, जादू ये अनूप
आज लागी लागी नई धूप।।
आप रेडियोवाणी को सालगिरह की बधाई दे सकते हैं :)
अगर आप चाहते हैं कि 'रेडियोवाणी' की पोस्ट्स आपको नियमित रूप से अपने इनबॉक्स में मिलें, तो दाहिनी तरफ 'रेडियोवाणी की नियमित खुराक' वाले बॉक्स में अपना ईमेल एड्रेस भरें और इनबॉक्स में जाकर वेरीफाई करें।
पिछले कुछ बरसों से अनेक कारणों से रेडियोवाणी पर लिखना कम हुआ है। कोशिश यही है और बहुत मन है कि यहां नियमितता फिर कायम की जाए। यहां शुक्रिया दिलीप का, जिसने हमें रेडियोवाणी की सालगिरह याद दिलाई। वरना सच तो ये है कि हमें ये तारीख़ याद ही नहीं थी।
रेडियोवाणी की सालगिरह पर आज हम आपके लिए लेकर आए हैं एक बिल्कुल नये गीतकार का फिलॉसॉफिकल गीत। पिछले बरस रजत कपूर की फिल्म आयी थी 'आंखों देखी'। ये गीतकार हैं वरूण ग्रोवर। वरूण ने अपना फिल्मी-सफर अनुराग कश्यप की 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से शुरू किया था। जहां उन्होंने 'इलेक्ट्रिक पिया', 'भूसे के ढेर' और 'मूरा' जैसे कई गाने लिखे थे। इसके बाद उन्होंने 'आंखों देखी' के गीत लिखे। 'आंखों देखी' एक प्रायोगिक फिल्म थी। फिल्मों के चलित व्याकरण और ढांचे से बिल्कुल अलग। और ज़ाहिर है कि इसमें गाने भी इसी तरह के चाहिए थे। पिछले दिनों विविध भारती के लिए मैंने वरूण से लंबी बातचीत की और उनके इस सफ़र के बारे में जाना। उन्होंने बताया कि इस फिल्म का हर गीत एक राग पर आधारित था। अगर आपने इस फिल्म के गीत नहीं सुने हैं तो ज़रूर सुनने चाहिए।
आज रेडियोवाणी पर हम आपके लिए लेकर आये हैं वरूण ग्रोवर का लिखा गीत--'आज लागी नई धूप'। इसके संगीतकार हैं सागर देसाई। गाना सचमुच एक 'नई धूप' है। अकसर हम अनायास खुश होते हैं। जीवन के कुछ छोटे-छोटे सच हमें आनंद से भर देते हैं। ये इसी आनंद का गीत है। यहां ये बताते चलें कि 'दम लगाके हईशा' के लिए वरूण के लिखे गीत इन दिनों हर रेडियो स्टेशन पर धूम मचाए हुए हैं। उनकी चर्चा फिर कभी।
Song: Aaaj laagi nai dhoop
Singer: kailash kher
Lyrics: Varun Grover
Music: Sagar Desai
Duration: 2:11
हाथ लागी लागी नई धूप
आज लागी लागी नई धूप।।
कि दिखे धुली साफ़ नई चदरिया
बिना दाग़ सारी डगरिया
दसों दिशा आज संवरिया।।
आज लागी लागी नई धूप।।
नज़र मेरी आज उड़ी है बिना कोई डोर हां
जहां पांव पड़ते जायें नहीं कोई छोर
डगर वही पहचानी है, खबर वही जग-जानी है
आंख देखी तो मानी है, जादू ये अनूप
आज लागी लागी नई धूप।।
आप रेडियोवाणी को सालगिरह की बधाई दे सकते हैं :)
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5 comments:
बहुत बधाई!
बहोत बहोत बधाईयाँ।
ण्
बधाईयाँ
acha hai
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if you want to comment in hindi here is the link for google indic transliteration
http://www.google.com/transliterate/indic/