'जब दोस्ती होती है, तो दोस्ती होती है' ('बीवी और मकान': पहला भाग)
पिछले कुछ दिनों से हम हेमंत कुमार को सुन रहे हैं। पिछली पोस्ट ने भी इसका अंदाज़ा तो दे ही दिया होगा। हेमंत दा की बात हो तो बतौर गायक बात करना इकहरी बात होगी। हेमंत दा हिंदी फिल्म संगीत की विलक्षण प्रतिभा थे। सही मायनों में विलक्षण। गायकी तो उनकी प्रतिभा का एक छोटा-सा पहलू है। उनकी संगीतकारी पर सचमुच विस्तार से चर्चा की जानी चाहिए। क्योंकि उन्होंने कुछ बेहद चुनौतीपूर्ण और कालजयी फिल्मों में कमाल का संगीत दिया। मोटे तौर पर कुछेक के नाम गिनाना शायद मौज़ूं होगा। नागिन, आनंद-मठ, साहेब बीवी और ग़ुलाम, मिस मैरी, वग़ैरह। एक संगीतकार के रूप में उनकी 'रेन्ज' कमाल की रही है।
संगीतकारी के अलावा उन्होंने फिल्म-निर्माण में भी किया। फिल्में बनाने के उनके शौक़ की इंतेहा ये थी कि उन्होंने बहुत ही साहसिक फिल्में बनाईं। पूरी तरह जोखिम भरी। 1959 में उन्होंने मृणाल सेन के निर्देशन में बनी फिल्म 'नील आकाशेर नीचे' का निर्माण किया। तब उनके प्रोडक्शन हाउस का नाम होता था, हेमंत-बाला प्रोडक्शन। मैंने ये फिल्म नहीं देखी, पर इसके बारे में ये पता है कि कोलकाता की गलियों में भटकने वाली एक चीनी फेरीवाले की कहानी थी ये। आगे चलकर हेमंत दा की फिल्म कंपनी का नाम हो गया 'गीतांजली'। इस कंपनी ने बीस साल बाद, बीवी और मकान, फ़रार, राहगीर और ख़ामोशी जैसी फिल्में बनाईं। अगर आप इन फिल्मों की कथा-वस्तु पर ध्यान दें तो पायेंगे कि कितना जोखिम उठाने वाले प्रोड्यूसर थे हेमंत दा। इन सभी फिल्मों में उनका संगीत था।
मुझे एक लंबे अरसे से 'बीवी और मकान' फिल्म के गाने बेहद पसंद रहे हैं। और इसकी एक वजह है। ये एक आम फिल्म के आम गीत नहीं हैं। जब मैंने इस श्रृंखला की पूर्व-सूचना फेसबुक पर दी, तो जयपुर के भाई पवन झा ने इसके गानों के बारे में अपनी बेहतरीन टिप्पणी दी।
One interesting aspect of the songs of this film is male bonding songs.. there are male duets, triplets and quad songs in the soundtrack..
-Anhoni baat (my favorite) features Mukesh, Talat, Manna, Hemant and mehmood all in one song together..
-Aa tha jab janam liya tha features Mukesh, Hemant, Manna da
-Jab dosti hoti hai & Duniya me do sayane both features Hemant & Manna
Apart from the above it also feature a beautiful Asha-Lata duet, Dabe labin se kabhi jo koi salaam le.. and a beautiful Rafi solo Jaane kahan dekha hai.. and not to forget the hindi version of kishoreda's claasic shing nei (lukochuri) in the voice of Manna Dey (khul khuk khullam khulla)
In all a very interesting collage of songs..
पवन ने एकदम सही बात पर ध्यान खींचा है। चूंकि कहानी चार युवकों की है, इसलिए हेमंत दा को यहां पुरूष टोली वाले गाने गवाने का मौक़ा मिला। और ऐसा क़तई नहीं था कि गायक-संगीतकारों की तरह उन्होंने अपनी आवाज़ का मोह किया हो। जहां ज़रूरी है वहीं उनकी आवाज़ है। यही नहीं इस अलबम में हेमंत दा के गाने अलग ही मिज़ाज लेकर आए हैं।
यहां उनकी बांग्ला रूमानियत ज़्यादातर ग़ायब है। ये हल्के-फुल्के लेकिन बारीक टिप्पणियों वाले गाने हैं। intellectual songs. इनमें एक खिलंदड़पन है। एक मस्ती है, बेफिक्री है।
श्रृंखला के पहला गाना वो है--जो काफ़ी समय से मेरे ज़ेहन में गूंज रहा है और एक धीमे लेकिन पक्के नशे के रूप में इसका असर गहरा होता चला जा रहा है।
song: jab dosti hoti hai to dosti hoti hai
singers:hemant kumar, manna dey, ghulam mohammad, balbir
lyrics: gulzar
music:hemant kumar
अगर आपने ये फिल्म नहीं देखी तो इसका माहौल आपको मेहमूद के इस संवाद से समझ आ जायेगा। गाना सुनकर इसकी इबारत लिखी गयी है, हो सकता है कि कहीं कहीं कान का धोखा हो गया हो, सुझावों का स्वागत है। पर ग़ौरतलब है कि गुलज़ार के लिखे इन गानों की ज़्यादा चर्चा नहीं होती। वाक़ई। कमाल के बोल हैं ये। अपनी बात भी कहते हैं और फिल्म का अटूट हिस्सा भी हैं।
यहां बलबीर और गु़लाम मोहम्मद जैसी आवाज़ों की तरफ़ आपका ध्यान खींचना ज़रूरी है। ग़ुलाम मोहम्मद मधुमति के गाने--'तन जले मन जलता रहे' में सुनाई देते हैं। और ये संगीतकार ग़ुलाम मोहम्मद नहीं हैं। बलवीर मनोज कुमार की कई फिल्मों में सुनाई देते रहे हैं।
'यार किशन ये हद्द हो गयी
यारों की तो भद्द हो गयी
सिर्फ़ अहसान ही बाक़ी रह गये
दोस्ती यारी रद्द हो गयी
प्यार में दुनियादारी कैसी
मुफ्त की चीज़ नगद हो गयी है
छी छी यार की ये पहचान
दोस्ती में कैसा अहसान
जब दोस्ती होती है तो.........'
अहसान नहीं होता..
जब दोस्ती होती है तो दोस्ती होती है
और दोस्तों में कोई अहसान नहीं होता।
जल बिन तड़पत मछली जैसे नल बिन तरपत पानी
और हाथ पानी बिना चलते....अस्नान नहीं होता।।
ये पांचों की पंचायत, जो सोचे सही होगा
हम पांडव हैं भारत के, जो कह दें वही होगा
ओए जम के एक जमा दूं....दूध का दही होगा
मीरा के प्रभु कहत कबीरा, जीवन काज कदम कश्तीरा
खात कष्ट बिना ये जीवन, आसान नहीं होता।।
जब दोस्ती होती है तो....
उंगली से ढीली का जब तक
जोड़ सलामत ..थाह सलामत
छोटी और बड़ी हैं तो क्या
पांचों है तो हाथ सलामत
एक एक के हैं पांच मुक़द्दर
तकलीफ़ों से घबराना मत
सांझे जोड़ जवानी बचपन
पांच से पांच मिले तो पचपन
पांचों साथ आए तो....
नुकसान नहीं होता....
जब दोस्ती होती है तो दोस्ती है
और दोस्तों में कोई अहसान नहीं होता।।
(पवन भाई के सहयोग से गाने की इबारत को दुरूस्त कर दिया गया है)
रेडियोवाणी पर फिल्म
'बीवी और मकान' के गानों का ये अनियमित सिलसिला जारी है।
9 comments:
रोचक !
पाठकों को नियमित होना ही पड़ेगा !
बेहतर प्रतिक्रियाएं
थोडा inspire करती हैं मित्र
परन्तु सभी मित्र लिख नहीं पाते
So forgive and ignore US .
आप के post किये हुए
लगभग सभी article पढता हूँ .
मज़ा लेता हूँ ,
धन्यवाद देता हूँ |
आप अपनी creativity बनाये रखें |
सभी संगीत प्रेमी काफी चाव से पढ़ते ही होंगे |
मैं तो M S Word में Copy & Paste करके
offline पढने के लिए भी रख लिया करता हूँ
मेरे प्रणाम मित्र !!!
Shukriya Yunus ji!
सही कहा आपने, लोग समझते हैं कि गुलजार ने इधर के दिनों में ही ऐसे गाने लिखना शुरू किया है। लगता है कि वे शुरू से ऐसे प्रयोग करते रहे हैं। दोस्ती के बारे में गहरा दर्शन है इस गाने में।
युनुस जी,
'ओ नोदी रे' सुनने के बाद से ही मैं और मेरी पत्नी परेशान थे कि कौनसा हिंदी गाना इसी धुन पर आधारित है. हेमंत दा के संगीत निर्देशन वाली फिल्मों की लिस्ट टटोलने का विचार भी मन में आया पर आप ने काम आसान कर दिया. शुक्रिया.
मृणाल सेन ने अपने संस्मरण (ऑलवेज़ बीइंग बॉर्न, स्टेलर पब्लिशर्स, दिल्ली) में हेमंत दा को बड़ी शिद्दत से याद किया है.
हेमंत दा की फिल्म निर्माण की
खूबियाँ जान कर बहुत सुकून हासिल हुआ
बतौर संगीतकार उनकी कई रचनाएं
आज भी दिलों में कहीं गहरे उतर जाती हैं
और "बीवी और मकान" का रफ़ी साहब का
गाया हुआ गीत कई बार सुना है...
'जब दोस्ती होती है....' पहली बार सुन पाया हूँ
पवन झा जी की जानकारी ग़ज़ब की है ,,उन्हें सलाम
ऐसी नायाब प्रस्तुति के लिए आपका शुक्रिया .
भारत भूषण जी
पवन के सहयोग से मैंने एक फीचर तैयार किया है। जिसे जल्दी ही अपलोड कर लिया जाएगा।
लेकिन संकट ये है कि आपने जिस पुस्तक का जिक्र किया उसे या उसके हेमंत दा वाले चैप्टर को हम कहां खोजें भाई।
pahli baar suna ye geet...fir kai baar suna....
...bahut achha laga......aabhaar Yunus ji...
फिल्म हरिश्चंद्र तारामती का
एक गाना स्मरण आ रहा है
जगत भर की रौशनी के लिए
करोड़ों की ज़िन्दगी के लिए
सूरज रे जलते रहना
Post a Comment
if you want to comment in hindi here is the link for google indic transliteration
http://www.google.com/transliterate/indic/