हेमंत कुमार की आवाज़ में गोआ का लोकगीत
कुछ दिनों पहले इंटरनेट की गलियों में घुमक्कड़ी करते हुए कुछ कोंकणी और गोआइन गीत मिल गये । जब हेमंत कुमार की आवाज़ सुनाई दी तो ज़रा आश्चर्य हुआ कि दादा ने कितनी भाषाओं में गाया है । फिर पीछे से रफ़ी साहब भी सुनाई दे गये एक गाने में । मुझे अच्छा लगा । तो लीजिए पेश है हेमंत कुमार की आवाज़ में एक गोआइन गीत ।
ना तो मुझे इस गाने के बोल समझ आए और ना ही आशय । प्यार मुहब्बत का गाना लगता है । अरे कोई है गोआ में जो मदद करे ।
फिलहाल आपकी नज़र--जूलियाना ।।
9 comments:
बाँबी का गाना ना माँगू सोना चाँदी और द ग्रेट गैम्बलर का युगलगीत - इन दोनों गानों के शुरू में भी गोआई गीत के कुछ बोल थे वे भी मुझे आज तक पता नहीं चले।
वाह युनुस भाई हेमंत कुमार की आवाज मे गोअन गाना सुनकर मजा आ गया। धन्यवाद।
वैसे ये धुन यहां पर बहुत पोपुलर है।
थोड़ा-थोड़ा तो कोंकणी हम समझने लगे है पर पूरी तरह से नही।
ग़ज़ब. मस्त है भाई साहब. मज़ा आ गया. करते रहें घुमक्कडी इंटरनेट की और हमें मस्त करते रहें.
आवाज मधुर लगी। शब्द समझ नहीं आये।
बहुत सुंदर धुन और आवाज़ तो है ही ..बाकी लफ़ज़ तो समझ नही आए
अभी अभी ममता जी के यहाँ गोवा के विषय में पढ़्कर आ रहे हैं तो यहाँ उसका संगीत-बिना कुछ समझे ही मजा आया.
यूनुस भाई ये हमारे पार्श्वगायक तलफ़्फ़ुज़ को क्या बढिया निभाते थे.लोक-संगीत में पूरा खेल सही अंदाज़ और शब्दों की अदायगी का है. अब इन्हीं हेमंत दा को पं.ह्रदयनाथ मंगेशकर के निर्देशन में कोली गीत में सुनिये..मी डोलकर , डोलकर , डोककर दरिया चा राज़ा (राजा नहीं ; चा भी चा नहीं नुक़्ता लगा हो वैसा चा)तीन मिनट के गीत में उस्तादी का हुनर बिखेरने वाले इन गुलूकारों को मेरा आपका हम सबका सलाम.
हेमँतदा तो कोई सा भी गीत गायेँ
हमेँ पसँद आता है :)
शुक्रिया
इसे सुनवाया आपने ...
- लावण्या
शुक्रिया. इतना मीठा गाया गया है कि अब अर्थ समझ में आये तो भी ठीक, न आये तो भी ठीक. शुक्रिया यूनुस भाई!
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