दूर है किनारा गहरी नदी की धारा मांझी खेते जाओ रे-फिर मन्नाडे
कल रेडियोवाणी पर मन्ना डे का एक अनमोल और कम चर्चित गीत सुनवाया गया था । और आपसे वादा किया गया था कि गुंजाईश रही तो आगे भी यही सिलसिला जारी रखा जाएगा । तो आईये आज सुना जाए फिल्म सौदागर का गीत । ये अमिताभ बच्चन और नूतन वाली राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म सौदागर है । और इसे रवींद्र जैन से खुद ही लिखा और कंपोज़ किया है ।
मन्नाडे का ये एक और मांझी गीत है । उनकी आवाज़ में वैसे तो कई मांझी गीत हैं । पर इस गीत का फलसफा वाक़ई दिल को सुकून देता है । उम्मीद बंधाता है ।
बड़ा ही सहज सरल सा गीत है । ये गीत भी उसी कैसेट में था जिसका जिक्र कल किया गया था । मन्नाडे के कुछ कम चर्चित गानों वाले कैसेट में । इस गाने को तब सुनिए जब आपको जिंदगी में थोड़ी सी शांति चाहिए हो । थोड़ा सा सब्र चाहिए हो । थोड़ी सी ताकत चाहिए हो ।

6 comments:
जीत है उसी की जिसने मानी नहीं हार --- बहुत बहुत शुक्रिया... ऐसा गीत सुनवाने का...जिसे सुन सचमुच थोड़ा ही नहीं बहुत ताकत सब्र और शांति मिल जाती है...
जीत है उसी की जिसने मानी नहीं हार --- बहुत बहुत शुक्रिया... ऐसा गीत सुनवाने का...जिसे सुन सचमुच थोड़ा ही नहीं बहुत ताकत सब्र और शांति मिल जाती है...
आपके ब्लाग पर आकर काफी अच्छा लगता है, किन्तु खेद है कि जल्दी जल्दी आना नही होता है। जब आना होता है तो पता नही टिप्प्णी क्यो नही कर पाता हूँ। :)
आज आपने मन्ना डे ओर जैन जी का जो गीत प्रस्तुत किया वह मनहर था। आपको धन्यवाद
यह तो मेरे जीवन का प्रतीक गीत लगता है!
ज्ञान जी ये हमारे आपके सबके जीवन का प्रतीक है
महाशक्ति और मीनाक्षी जी शुक्रिया
NAMASKAR
YUNUSH BHAI SAHEB AAPKE BLOG KO DEKH KAR DIL KHUSH HUWA. JUDA RAHUNGA. BAHUT KUCH SIKHNE KA MAN HE.
FILHAAL BYE......
MANIK-0946711896
CHITTORGARH,RAJASTHAN
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