संगीत का कोई मज़हब, कोई ज़बान नहीं होती। 'रेडियोवाणी' ब्लॉग है लोकप्रियता से इतर कुछ अनमोल, बेमिसाल रचनाओं पर बातें करने का। बीते नौ बरस से जारी है 'रेडियोवाणी' का सफर।

Friday, September 7, 2007

अफलातून जी की पोस्‍ट से हुआ है रेडियोनामा का आग़ाज़

प्रिय मित्रो
रेडियोनामा पर औपचारिक रूप से आज आरंभ कर दिया गया है ।
अफलातून जी ने इस पर अपनी एक पोस्‍ट डाली है जिसका शीर्षक है--रेडियो आशिक़ भगवान काका ।

रेडियोनामा रेडियो की बातों और यादों का ब्‍लॉग है । यानी रेडियो विमर्श का ब्‍लॉग
इस ब्‍लॉग के बारे में मैंने अपने इसी ब्‍लॉग पर एक पोस्‍ट लिखी थी । जिसमें रेडियोनामा की योजनाओं के बारे
में विस्‍तार से बताया गया है । ।
इसे आप यहां पढ़ सकते हैं ।

रेडियोनामा एक सामूहिक ब्‍लॉग है । इसे आप सभी के सहयोग की जरूरत है ।
आप भी इससे जुड़ सकते हैं ।
बहुत स्‍वागत ।

7 comments:

Udan Tashtari September 7, 2007 at 6:17 PM  

बधाईयाँ और अनेकों शुभकामनायें.

Anonymous,  September 7, 2007 at 7:34 PM  

युनुस भाई ,समूह चिट्ठे का नाम 'रेडियोवाणी' है या 'रेडियोनामा'?

अनूप शुक्ल September 8, 2007 at 12:08 AM  

बधाई! शुभकामनायें!

Dr Prabhat Tandon September 8, 2007 at 5:07 AM  

चलिये इसी बहाने हम भी जुडते हैं आपसे और रेडियो से भी ! बधाई !

Poonam Misra September 8, 2007 at 12:20 PM  

बहुत बधाई और शुभकामना

इरफ़ान September 8, 2007 at 7:07 PM  

अरे आपने अफ़लातून जी की बात पर ग़ौर नहीं किया?

Yunus Khan September 8, 2007 at 10:13 PM  

भाई नाम तो रेडियोनामा है । पर रेडियोवाणी के नशे में ग़लत छप गया था ।
ठीक कर लिया है

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if you want to comment in hindi here is the link for google indic transliteration
http://www.google.com/transliterate/indic/

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