मो. रफी पर रेडियोवाणी का विशेष आयोजन: तीसरी कड़ी—रफी साहब के गाये मराठी, पंजाबी, बांगला और कन्नड़ गीत और साथ में एक ग़ज़ल भी ।
तीसरी कड़ी में मैं आपको सुनवा रहा हूं रफी साहब के गाये अन्य भाषाओं के नग्मे । सबसे आखिर में एक ग़ज़ल है ग़ालिब की ।
ये रहा रफी साहब का गाया मराठी गीत—शोढीषी मालवा
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पंजाबी गीत’-रब्बा रे तेरीयां बेपरवाहियां
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मो0 रफी का गाया बांगला गीत सुनने के लिये यहां क्लिक करें
मो0 रफी का गाया कन्नड़ गीत सुनने के लिये यहां क्लिक करें
और ये है कलाम-ऐ-ग़ालिब--
बस के दुश्वार है हर काम का आसां होना
आदमी को भी मयस्सर नहीं इंसां होना
गिरीयां चाहे है ख़राबी मेरे काशाने की
दरो दीवार से टपका है बयाबां होना
इशरते कत्ल गहे अहले तमन्ना ना पूछ
ईदे नज्जारा है शमशीर का उरियां होना
की मेरे क़त्ल के बाद उसने जफ़ा से तौबा
हाय उस दूद-पशेमां का पशेमां होना
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5 comments:
रफी ने तेलुगु फिल्मों में भी गीत गाये है।
ढूढिए तेलुगु गीत, मैं भी कोशिश कर रही हूं
अन्न्पूर्णा
रफी साब ने कभी कन्नड़ भाषा मे गाया था ये तो हमे पता ही नही था।
aaj meenaa kumaaree ko yaad karne kaa bahaana hai.
हिन्दी की फिल्म गीत का तेलुगु में रिमेक हुआ था आराधना नाम से जिसमें ये हिन्दी गीत तेलुगु में भी रफी ने गाया -
आजा तुझको पुकारे मेरे गीत रे
ओ मेरे मितवा
तेलुगु बोल है -
ना मदि लो मीके पिलचिन्दी
ना गान्म
ससुराल फिल्म का ये गीत -
तेरी प्यारी प्यारी सूरत को किसी की नज़र न लगे
चश्मेबद्दूर
इसी धुन पर तेलुगु में गाये रफी के गीत का अर्थ अलग है।
हिन्दी में यह गीत नायिका के लिये नायक गाता है पर तेलुगु में छोटे बच्चे को नहलाते हुए नायक उसे शिक्षा देता है -
यहां चश्मेबद्दूर की जगह शब्द है -
नम्मवद्दू (भरोसा मत करो)
अन्न्पूर्णा
वाह अन्नपूर्णा जी जवाब नहीं । मैंने कोशिश की मगर मुझे तो ऑडियो पर तेलुगू गीत नहीं मिला । समझ लीजिये कि तलाश जारी है ।
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