कभी तन्हाईयों में तुमको हमारी याद आयेगी --संगीतकार स्नेहल भाटकर को हमारी श्रद्धांजलि
जाने माने संगीतकार स्नेहल भाटकर का मंगलवार उन्तीस मई को मुंबई में निधन हो गया है । वे अठासी बरस के थे ।
संगीत के सुधी श्रोता स्नेहल भाटकर को केदार शर्मा की फिल्म ‘हमारी याद आयेगी’ के लिए याद करते हैं, जिसमें मुबारक बेगम ने गाया था ‘कभी तन्हाईयों में तुमको हमारी याद आयेगी, अंधेरे छा रहे होंगे कि बिजली कौंध जायेगी’ ।
आपको बता दें कि स्नेहल भाटकर कभी आकाशवाणी मुंबई के संगीत-विभाग में कार्यरत थे । पर ये बहुत बहुत बरस पहले की बात है । मुझे कभी उनसे मिलने का सौभाग्य नहीं प्राप्त हुआ । लेकिन उनके गानों का मैं लंबे समय से प्रशंसक रहा हूं ।
स्नेहल भाटकर जिन दिनों आकाशवाणी में कार्यरत थे तभी संगीतकार सुधीर फड़के से उनकी दोस्ती हुई और दोनों ने मिलकर जोड़ी बनाई वासुदेव-सुधीर । इस जोड़ी ने मराठी फिल्म ‘रूक्मिणी स्वयंवर’ में संगीत दिया था । ये उनकी पहली फिल्म थी । स्नेहल भाटकर के छद्म नाम से संगीत देने के पीछे भी एक दिलचस्प राज़ है । आकाशवाणी की नौकरी से उनकी आजीविका चलती थी और वे फिल्म संसार में पांव जमाने के लिए संघर्ष कर रहे थे । नौकरी पर कोई आंच ना आये इसलिये उन्होंने कई बार नाम बदल बदल के फिल्मों में संगीत
दिया ।
स्नेहल भाटकर जब एच0एम0वी0 में काम करते थे तब उनकी मुलाक़ात हुई जाने माने गीतकार और निर्देशक केदार शर्मा से । बाद में केदार शर्मा की फिल्म ‘नीलकमल’ में उन्होंने संगीत दिया था । आपको बता दें कि ये वही नीलकमल है जिसमें राजकपूर और मधुबाला ने काम किया था और इस फिल्म के सेट पर ही केदार शर्मा जी ने राजकपूर को वो चर्चित थप्पड़ मारा था, जिसने राज कपूर को फिल्मी दुनिया के प्रति गंभीर बना दिया था । ये किस्सा आपने कई जगह पढ़ा सुना होगा । हां ये बताना तो भूल ही गया कि इस फिल्म में स्नेहल भाटकर ने बी0 वासुदेव के नाम से संगीत दिया था ।
केदार शर्मा की एक फिल्म ‘सुहाग रात’ में संगीत देने के लिए उन्होंने महिला नाम ‘स्नेहल’ चुना । और फिर पूरे कैरियर में ये नाम उनके साथ जुड़ा रहा ।
स्नेहल भाटकर ने मुबारक बेगम से फिल्म ‘हमारी याद आयेगी’ में दो चर्चित गीत गवाए थे । कभी तन्हाईयों में तुमको हमारी याद आयेगी और हाले दिल उनको सुनाया ना गया
सुमन कल्याणपुर का गाया फिल्म फरियाद का उनका गीत ‘देखो बोल रहा है पपीहा’ काफी चर्चित रहा था ।
शोभना समर्थ की फिल्म छबीली में उन्होंने नूतन से दो गीत गवाये थे । ऐ मेरे हमसफर और लहरों पे लहर ।
स्नेहल भाटकर की संगीतबद्ध कुछ फिल्में हैं--- गुनाह, भोलाशंकर, आज की बात, दीवाली की रात, पहला क़दम वगैरह ।
इस चिट्ठे में मैं नीचे स्नेहल भाटकर के कुछ गानों की सूची दे रहा हूं, इन पर क्लिक करके आप इन्हें सुन भी सकते हैं । फिल्हाल इंटरनेट पर यही गीत मिल पाये हैं ।
स्नेहल भाटकर को हमारी श्रद्धांजलि ।
लहरों पे लहर उल्फत है जवां ( फिल्म छबीली) आवाजें हेमंत कुमार और नूतन
सुनने के लिए यहां क्लिक कीजिये
है दिल में मिलन की आस ( फिल्म बिंदिया) आवाज़ तलत महमूद
सुनने के लिये यहां क्लिक कीजिये
कभी तन्हाईयों में तुमको हमारी याद आयेगी ( फिल्म हमारी याद आयेगी)
आवाज़ मुबारक बेगम । सुनने के लिए यहां क्लिक कीजिये
संगीत के सुधी श्रोता स्नेहल भाटकर को केदार शर्मा की फिल्म ‘हमारी याद आयेगी’ के लिए याद करते हैं, जिसमें मुबारक बेगम ने गाया था ‘कभी तन्हाईयों में तुमको हमारी याद आयेगी, अंधेरे छा रहे होंगे कि बिजली कौंध जायेगी’ ।
आपको बता दें कि स्नेहल भाटकर कभी आकाशवाणी मुंबई के संगीत-विभाग में कार्यरत थे । पर ये बहुत बहुत बरस पहले की बात है । मुझे कभी उनसे मिलने का सौभाग्य नहीं प्राप्त हुआ । लेकिन उनके गानों का मैं लंबे समय से प्रशंसक रहा हूं ।
स्नेहल भाटकर जिन दिनों आकाशवाणी में कार्यरत थे तभी संगीतकार सुधीर फड़के से उनकी दोस्ती हुई और दोनों ने मिलकर जोड़ी बनाई वासुदेव-सुधीर । इस जोड़ी ने मराठी फिल्म ‘रूक्मिणी स्वयंवर’ में संगीत दिया था । ये उनकी पहली फिल्म थी । स्नेहल भाटकर के छद्म नाम से संगीत देने के पीछे भी एक दिलचस्प राज़ है । आकाशवाणी की नौकरी से उनकी आजीविका चलती थी और वे फिल्म संसार में पांव जमाने के लिए संघर्ष कर रहे थे । नौकरी पर कोई आंच ना आये इसलिये उन्होंने कई बार नाम बदल बदल के फिल्मों में संगीत
दिया ।
स्नेहल भाटकर जब एच0एम0वी0 में काम करते थे तब उनकी मुलाक़ात हुई जाने माने गीतकार और निर्देशक केदार शर्मा से । बाद में केदार शर्मा की फिल्म ‘नीलकमल’ में उन्होंने संगीत दिया था । आपको बता दें कि ये वही नीलकमल है जिसमें राजकपूर और मधुबाला ने काम किया था और इस फिल्म के सेट पर ही केदार शर्मा जी ने राजकपूर को वो चर्चित थप्पड़ मारा था, जिसने राज कपूर को फिल्मी दुनिया के प्रति गंभीर बना दिया था । ये किस्सा आपने कई जगह पढ़ा सुना होगा । हां ये बताना तो भूल ही गया कि इस फिल्म में स्नेहल भाटकर ने बी0 वासुदेव के नाम से संगीत दिया था ।
केदार शर्मा की एक फिल्म ‘सुहाग रात’ में संगीत देने के लिए उन्होंने महिला नाम ‘स्नेहल’ चुना । और फिर पूरे कैरियर में ये नाम उनके साथ जुड़ा रहा ।
स्नेहल भाटकर ने मुबारक बेगम से फिल्म ‘हमारी याद आयेगी’ में दो चर्चित गीत गवाए थे । कभी तन्हाईयों में तुमको हमारी याद आयेगी और हाले दिल उनको सुनाया ना गया
सुमन कल्याणपुर का गाया फिल्म फरियाद का उनका गीत ‘देखो बोल रहा है पपीहा’ काफी चर्चित रहा था ।
शोभना समर्थ की फिल्म छबीली में उन्होंने नूतन से दो गीत गवाये थे । ऐ मेरे हमसफर और लहरों पे लहर ।
स्नेहल भाटकर की संगीतबद्ध कुछ फिल्में हैं--- गुनाह, भोलाशंकर, आज की बात, दीवाली की रात, पहला क़दम वगैरह ।
इस चिट्ठे में मैं नीचे स्नेहल भाटकर के कुछ गानों की सूची दे रहा हूं, इन पर क्लिक करके आप इन्हें सुन भी सकते हैं । फिल्हाल इंटरनेट पर यही गीत मिल पाये हैं ।
स्नेहल भाटकर को हमारी श्रद्धांजलि ।
लहरों पे लहर उल्फत है जवां ( फिल्म छबीली) आवाजें हेमंत कुमार और नूतन
सुनने के लिए यहां क्लिक कीजिये
है दिल में मिलन की आस ( फिल्म बिंदिया) आवाज़ तलत महमूद
सुनने के लिये यहां क्लिक कीजिये
कभी तन्हाईयों में तुमको हमारी याद आयेगी ( फिल्म हमारी याद आयेगी)
आवाज़ मुबारक बेगम । सुनने के लिए यहां क्लिक कीजिये
Kabhi Tanhaiyon Me... |
9 comments:
इतनी अच्छी जानकारी के लिए शुक्रिया, यूनुस साहब. स्नेहल भाटकर की याद ज़रूर आयेगी.
अच्छा याद दिलाया, महाराज..
युनुस भाई बहुत-बहुत शुक्रिया ये गीत मुझे बेहद पसंद है.. जीहाँ स्नेहल भाटकर जी की याद हमेशा आयेगी...
सुनीता(शानू)
संगीतकार स्नेहल भाटकर को श्रृद्धांजली. बहुत अच्छी तरह समस्त जानकारी को सहेज कर प्रस्तुत किया है, आभार.
बहुत अर्से बाद हमने ये गाना सुना ,बहुत अच्छा लगा। आप हम लोगों को फिल्म जगत की महान हस्तियों से मिलवाते रहते है इसके लिए धन्यवाद और बधाई।
Vaakai is Sangeetkaar ki bahut-bahut Yaad aayegi.
Mujhe bhi yehi geet bahut pasand hai. Bahut pahale jab Doordarshan par yeh film dikhai gai thi tab isi geet ki vajah se main yeh film dekhane baiti.
Such kaho tho Hamari yaad aayegi slow movie thi aur main kuch bore ho rahi thi par geet ka intezaar tha. yeh geet lagbhag anth main aayaa. Naav main savaar nayika gaa rahi hai aur fizaaon main goonjathi Mubarak Begam ki aawaaz, Kedaar sharma ke bol aur snehal bhatkar kaa sangeet. such main is team ne jaadoo kiya aur jis baar-baar dooharaayaa Vividh Bharathi ne.
Bite samay ki ek aur Khoobasoorat Nayika hamse bicchhad gai - Vanmala.
in dono mahan kalaalaaron ko shat shat Naman...
Annapurna
स्नेहल भाटकर जी को हार्दिक श्रद्धान्जली।
वाकई स्नेहल जी तो हमेशा याद रहेंगे पर मुबारक बेगम का नाम कितनो को पता भी नहीं होगा।
स्नेहल जी के गीतों से हमारा परिचय कराने के लिए धन्यवाद !
old music is our property save them for future
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