ख्वाब बुनिए ज़रा, गीत सुनिए ज़रा
नए साल की सुबह शुभकामनाओं के तौर पर गीत ऐसा होना चाहिए जो इस भीनी भोर को यादगार बना दे । रेडियोवाणी पर पिछले साल के आखिरी दिनों में अनेक कारणों से हमारी रफ्तार थोड़ी कम रही । लेकिन उम्मीद करते हैं कि इस साल हम सब मिलकर नियमित रूप से गीत सुनेंगे, गुनेंगे और बुनेंगे । जिदंगी में अगर सुर ना हों तो वो बेमानी हो जाती है । और हम जिंदगी को बेमानी नहीं होने देना चाहते ।
साल 2009 की शुरूआत की जा रही है जावेद अख़्तर के लिखे गीत से । इसके संगीतकार हैं शंकर अहसान लॉय और शायद कुछ सुधी लोगों को याद हो कि ये गीत फिल्म 'rock on' का है । पिछले कुछ दिनों से ये गीत मेरे ज़ेहन और होठों पर छाया हुआ है । नए साल की पहली भोर में ये गीत आपको कुछ दे जायेगा । केवल गिटार पर इसे स्वरबद्ध किया गया है । इसकी एक-एक पंक्ति दिल में उतर जाती है । 'खुश है वही जो थोड़ा बेताब है' । 'जिंदगी में कोई आरज़ू कीजिए फिर देखिए' । ये सब ऐसे जुमले हैं जो किसी 'अमृत-वचन' से कम नहीं हैं । बेबाकी से मानना होगा कि बहुत दिनों बाद जावेद अख़्तर की कलम की धार नज़र आई है ।
इस गाने को CARALISA MONTEIRO ने गाया है । इस युवा गायिका को हम पहले भी 'सलाम नमस्ते' जैसी कई फिल्मों में सुन चुके हैं ।
तो चलिए 'ख़्वाब बुनिए ज़रा गीत सुनिए ज़रा'...........फिर देखिए ।
रेडियोवाणी पर सभी को नव-वर्ष मुबारक हो ।।
