आसमां पे एक सितारा नाम का चमका तेरे- कुमारी फ़ैयाज़ का गाया, 'जुंबिश' फिल्म का गाना
रेडियोवाणी पर पिछली पोस्ट थी कुमारी फ़ैयाज़ के नाम।
उनके गीतों का कारवां हम आगे बढ़ा रहे हैं। ये गाना बहुत लोगों ने सुना होगा। पर बहुत होंगे जिन्होंने सुना भी ना हो। ये 1986 में आयी फिल्म 'जुंबिश' का गाना है, जिसे सलाहुद्दीन परवेज़ ने बनाया था। कलाकार थे अकबर ख़ान और पद्मिनी कोल्हापुरे। ये वही सलाहुद्दीन परवेज़ हैं जिन्होंने 1990 में 'यादों का मौसम' फिल्म बनायी थी और इस फिल्म के गाने खूब चले थे। संगीत आनंद मिलिंद का था।
बहरहाल...'जुंबिश' में संगीत था जयदेव जी का।
इस फिल्म में भूपिंदर सिंह, शैला गुलवाड़ी, पीनाज़ मसानी, कुमारी फ़ैयाज़ वग़ैरह ने गाने गाए थे। 'जुंबिश' में लता जी की गायी एक प्यारी लोरी भी थी--'जग को सुलाना/ सारे जग को सुलाना/ निंदिया तू मत सोना'।
चूंकि बात कुमारी फ़ैयाज़ की है और पिछली पोस्ट में हमने आपको बताया ही था कि हमें उनके बारे में कुछ भी पता नहीं था। मराठी रंगमंच से उतनी गहरी वाकफियत ना होना इसकी एक बड़ी वजह थी। अगर आप कुमारी फ़ैयाज़ (जो मराठी रंगमंच पर फ़ैयाज़ शेख़ के नाम से जानी जाती हैं) के बारे में और जानना चाहते हैं तो इस लिंक पर उनके गानों की फेहरिस्त देखिए। और फिर यू-ट्यूब पर खोजिए। या फिर अगर मराठी भाषा समझते हैं तो उनका ये इंटरव्यू देखिए-सुनिए। या फिर ये लेख पढिए।
हां तो बात हो रही थी 'जुंबिश' के इस गीत की, जिसके बोल हैं--'आसमान पर एक सितारा नाम का चमका तेरे'। इसे लिखा ख़ुद सलाहुद्दीन परवेज़ ने। बहुत ही अलग तरह की आवाज़ है फ़ैयाज़ की। जो यक़ीनन देर तक और दूर तक आपके ज़ेहन में गूंजती रहती है। सितारा जयदेव के संगीत का एक अभिन्न अंग रहा है। इस गाने में भी सितार गूंजता है।
Song: Aasmaan par ek sitara
Singer: Kumari Faiyaz
Lyrics: Mohammed Salahuddin parvez
Music: Jaidev
Film: Jumbish (1986)
Duration: 6:52
आसमां पर इक सितारा नाम का चमका तेरे
हाथ पर मेंहदी का तारा याद फिर आया मुझे।
दूर सारे शहर को इस शब ने आंचल में कसा
मेरे चेहरे पर तेरे गेसू ग़ज़ल गाने लगे।
जंगल में मोर नाचे, भीगा मौसम आ गया
मेरे आंगन को तेरे दो पांव याद आने लगे।
बस्तियों में चांद निकला, खिड़कियां खुलने लगीं
मेरी आंखों से तेरे होठों के पैमाने लगे।
एक सितारे ने ना जाने कान में क्या कह दिया
आसमां ने सर झुकाया, जिस्म शर्माने लगा
और मैंने तेरे हाथों पर सितारा धर दिया।
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उनके गीतों का कारवां हम आगे बढ़ा रहे हैं। ये गाना बहुत लोगों ने सुना होगा। पर बहुत होंगे जिन्होंने सुना भी ना हो। ये 1986 में आयी फिल्म 'जुंबिश' का गाना है, जिसे सलाहुद्दीन परवेज़ ने बनाया था। कलाकार थे अकबर ख़ान और पद्मिनी कोल्हापुरे। ये वही सलाहुद्दीन परवेज़ हैं जिन्होंने 1990 में 'यादों का मौसम' फिल्म बनायी थी और इस फिल्म के गाने खूब चले थे। संगीत आनंद मिलिंद का था।
बहरहाल...'जुंबिश' में संगीत था जयदेव जी का।
इस फिल्म में भूपिंदर सिंह, शैला गुलवाड़ी, पीनाज़ मसानी, कुमारी फ़ैयाज़ वग़ैरह ने गाने गाए थे। 'जुंबिश' में लता जी की गायी एक प्यारी लोरी भी थी--'जग को सुलाना/ सारे जग को सुलाना/ निंदिया तू मत सोना'।
चूंकि बात कुमारी फ़ैयाज़ की है और पिछली पोस्ट में हमने आपको बताया ही था कि हमें उनके बारे में कुछ भी पता नहीं था। मराठी रंगमंच से उतनी गहरी वाकफियत ना होना इसकी एक बड़ी वजह थी। अगर आप कुमारी फ़ैयाज़ (जो मराठी रंगमंच पर फ़ैयाज़ शेख़ के नाम से जानी जाती हैं) के बारे में और जानना चाहते हैं तो इस लिंक पर उनके गानों की फेहरिस्त देखिए। और फिर यू-ट्यूब पर खोजिए। या फिर अगर मराठी भाषा समझते हैं तो उनका ये इंटरव्यू देखिए-सुनिए। या फिर ये लेख पढिए।
हां तो बात हो रही थी 'जुंबिश' के इस गीत की, जिसके बोल हैं--'आसमान पर एक सितारा नाम का चमका तेरे'। इसे लिखा ख़ुद सलाहुद्दीन परवेज़ ने। बहुत ही अलग तरह की आवाज़ है फ़ैयाज़ की। जो यक़ीनन देर तक और दूर तक आपके ज़ेहन में गूंजती रहती है। सितारा जयदेव के संगीत का एक अभिन्न अंग रहा है। इस गाने में भी सितार गूंजता है।
Song: Aasmaan par ek sitara
Singer: Kumari Faiyaz
Lyrics: Mohammed Salahuddin parvez
Music: Jaidev
Film: Jumbish (1986)
Duration: 6:52
आसमां पर इक सितारा नाम का चमका तेरे
हाथ पर मेंहदी का तारा याद फिर आया मुझे।
दूर सारे शहर को इस शब ने आंचल में कसा
मेरे चेहरे पर तेरे गेसू ग़ज़ल गाने लगे।
जंगल में मोर नाचे, भीगा मौसम आ गया
मेरे आंगन को तेरे दो पांव याद आने लगे।
बस्तियों में चांद निकला, खिड़कियां खुलने लगीं
मेरी आंखों से तेरे होठों के पैमाने लगे।
एक सितारे ने ना जाने कान में क्या कह दिया
आसमां ने सर झुकाया, जिस्म शर्माने लगा
और मैंने तेरे हाथों पर सितारा धर दिया।
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3 comments:
कृपया पहली पंक्ति के बोलों में सुधार करें ..."सितारा नाम का चमका तेरे ..." | लीक से हट कर चीज है ... शेयर करने के लिए धन्यवाद.... !
मैं शुभ्रा शर्मा स्वीकार करती हूँ कि मैंने यह गाना आज पहली बार सुना। यूनुस खान ने आज मुझे मात दे दी।
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if you want to comment in hindi here is the link for google indic transliteration
http://www.google.com/transliterate/indic/