संगीत का कोई मज़हब, कोई ज़बान नहीं होती। 'रेडियोवाणी' ब्लॉग है लोकप्रियता से इतर कुछ अनमोल, बेमिसाल रचनाओं पर बातें करने का। बीते नौ बरस से जारी है 'रेडियोवाणी' का सफर।

Thursday, September 24, 2009

आईये सुनें शंकर-जयकिशन के नायाब instrumental अलबम raga jazz style से राग तोड़ी

रेडियोवाणी के नियमित पाठक अब तक जान गए होंगे कि हम वाद्य-संगीत यानी instrumental music और वाद्यों दोनों के ही ख़ासे शैदाई हैं । अपने चिट्ठों पर पहले भी अधूरी-‍तमन्‍नाओं का जिक्र कर चुके हैं जिनमें से एक है गिटार सीखना । इस तमन्‍ना को पूरा करने के लिए हम अभी-भी बेक़रार हैं । बहरहाल...पिछले दिनों भाई दिलीप कवठेकर ने अपने इस पोस्‍ट में एक ऐसे संग्रह की याद दिला दी...जिसे विविध-भारती में आने के बाद पहली बार सुना था । और वो भी अपने सहयोगी कमल शर्मा के सौजन्‍य से । उन्‍होंने ही  संग्रहालय से इस रिकॉर्ड को निकालकर सुनाया था । शुरूआती दिनों में बहुत समय तक हैलो-फ़रमाईश के पहले फिलर के रूप में इसी रिकॉर्ड से 'राग तोड़ी' वाले 'कट' की धुन बजती रही ।

बहरहाल....... ये रिकॉर्ड है RAGA JAZZ STYLE. इसका 'कवर'
इस ब्‍लॉग के सौजन्‍य से यहां लगाया जा रहा है ।
(लिंकित-ब्लॉग 'सितार-ड्रीम' मुझे ग़ज़ब का जुनूनी ब्‍लॉग लगा । बंदे ने अपना प्रोफाइल तक नहीं दिया है, काम शानदार और एप्रोच एकदम minimalist )
jazz_raga

सन 1968 में जारी Raga jazz style कमाल का concept है । दरअसल इस रिकॉर्ड में जीनियस-जोड़ी शंकर जयकिशन ने jazz music और भारतीय शास्‍त्रीय संगीत का कमाल का fusion किया है । फिल्‍म-संसार में ये बात प्रचलित है कि एक समय फिल्‍म-उद्योग के सारे साजिन्‍दे हड़ताल पर चले गये थे । चूंकि कोई रिकॉर्डिंग हो नहीं सकती थी इसलिए शंकर जयकिशन ने सितार वादक उस्‍ताद रईस ख़ान के साथ मिलकर ये रिकॉर्ड तैयार किया था । कुछ लोग कहते हैं कि इसमें जो साज़ बजाए गए हैं वो आकाशवाणी के स्‍टाफ-आर्टिस्‍टों ने बजाए हैं । हालांकि मुझे इसमें ज़रा शक है । 

दिलीप भाई ने अपनी पोस्‍ट में कुछ साजिन्‍दों के नाम दिए हैं । मुमकिन है कि उनकी बात सही हो । उनके मुताबिक़ ये तस्‍वीर इसी अलबम की रिकॉर्डिंग की है । जिसे उन्‍होंने संगीत-विशेषज्ञ विश्‍वास नेरूरकर के संग्रह से प्राप्‍त किया है । img0601 इसमें उस्‍ताद रईस ख़ां साहब सितार पर नज़र आ रहे हैं । काले चश्‍मे में हमारे बेहद प्रिय मनोहारी दादा है ( जिनसे कई बार मिलने और बेहद लंबा इंटरव्‍यू करने का सौभाग्‍य मुझे प्राप्‍त है )  सबसे दाहिनी तरफ जयकिशन जी हैं । ड्रम्‍स पर हैं लेसली गोदिन्‍हा । दिलीप भाई ने बाकी वादकों के नाम भी लिखे हैं, जिनकी पुष्टि की जानी चाहिए । उनके मुताबिक़ तबला बजाया था अनंत नैयर और

रमाकांत ने । ट्रम्‍पेट ज़ोन परेरा ने ।  bass की जिम्‍मेदारी एडी ट्रैवर्स की थी । इलेक्ट्रिक गिटार पर थे दिलीप नाईक और एनीबाल कैस्‍ट्रो ने और बांसुरी बजाई थी सुमंत ने । शंकर जयकिशन के हमेशा के असिस्‍टेन्‍ट थे दत्‍ताराम नाइक और सेबेस्टियन डिसूज़ा । मेरी कोशिश है कि जल्‍दी ही विश्‍वस्‍त सूत्रों से इस बात की पुष्टि कर ली जाए ।

अब आपको बताया जाए कि इस रिकॉर्ड में असल में क्‍या है । कुल ग्‍यारह cut हैं इसमें । बेहतर है कि इन कट्स की लिस्‍ट ही पेश कर दी जाए ।


1. राग तोड़ी                           2. राग भैरव                           3. राग मालकौंस

 
4. राग कलावती                     5. राग तिलक कामोद               6. राग मियां की मल्‍हार
7. राग बैरागी                         8. राग जयजयवंती                  9. राग मिश्र पीलू
10. राग शिवरंजनी                 11. राग भैरव

यक़ीन मानिए इसे सुनना अपने आप में एक दिव्‍य अनुभव है । दिलीप भाई कहते हैं कि वो इसकी तलाश में हैं । हम कहते हैं कि आपने ठीक से तलाशा ही नहीं । इतरा नहीं रहे हैं पर बता रहे हैं कि ये सी.डी. हमारे संग्रह का हिस्‍सा है । और आपको बता दें कि इसे हमने खुद एच.एम.वी. के वेयर-हाउस जाकर ख़रीदा था । मुंबई के बाहर नवी-मुंबई के एक सुदूर औद्योगिक-इलाक़े में है ये वेयर-हाउस । इसके अलावा भायखला में भी इसकी एक शाखा है । हमारी जानकारी कहती है कि आपको इतना कष्‍ट उठाने की ज़रूरत नहीं होगी । hamaracd.com से इसे देश-विदेश में आसानी से प्राप्‍त किया जा सकता है ।

तो आईये 'राग तोड़ी' सुनें । हम शास्‍त्रीय-संगीत के ज्ञाता नहीं हैं । इसलिए इस धुन की बारीकियों को नहीं समझते । पर इतना जानते हैं कि जब सितार की ठुमकदार चाल के बाद बांसुरी यूं तान छेड़ती है जैसे किसी गोरी का आंचल हवा के एक झोंके-से लहरा गया हो, तो आप इस तान के साथ बह जाते हैं और अचानक ही ड्रम्‍स और सेक्‍सॉफोन वग़ैरह की तरंगें आपको चौंका देती हैं । इसके बाद आप दुनिया की शोरो-गुल से कटकर थोड़ी देर के लिए ध्‍यान की अवस्‍था में पहुंच जाते हैं । अगर हमें कभी हिमालय पर थोड़े दिन के लिए जाना पड़े तो इस सीडी को अपने साथ लेकर जाना चाहेंगे । ( तोड़ी की ये धुन वही है जो विविध-भारती पर हैलो फ़रमाईश के ठीक पहले फिलर के रूप में बजती थी )  राग तोड़ी के बारे में जानकारियां पाईये यहां, नचिकेता शर्मा के सौजन्‍य से । और यहां डॉ. पी.पी. नारायणस्‍वामी के सौजन्‍य से ।

Album: Raga jazz style (Classical Instrumental)
No. CDNF 150134
Artists: Shankar Jaikishan and Others
Cut title: Raga todi
Duration: 3:43



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एक और प्‍लेयर ताकि सनद रहे ।



जाहिर है कि आपकी इस अलबम के अन्‍य कट्स को सुनने की इच्‍छा होगी । तो इसका भी एक अड्डा मैंने खोज निकाला है । यहां क्लिक करें । रेडियोवाणी पर आजकल संगीत-पहेली का सिलसिला शुरू किया गया है । अगली संगीत-पहेली जल्‍दी ही आएगी ।


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5 comments:

नीरज गोस्वामी September 24, 2009 at 12:19 PM  

इस दिव्यानुभूति के लिए कोटिश धन्यवाद...अहहः...आनंद आ गया...जय हो...
नीरज

डॉ .अनुराग September 24, 2009 at 7:12 PM  

नायाब मोती निकल कर लाये है युनुस भाई ...

Harry September 25, 2009 at 4:57 PM  

बहुत अच्छा लगा की आपने ये सुनवाया और इस की जानकारी दी. मै इस तरह के प्रयोग के बारे में पहली बार सुन रहा हूँ और अपने दोस्तों को भी बता रहा हूँ...

दिलीप कवठेकर September 25, 2009 at 11:14 PM  

satchidaanand kee prapti ho gayee.

shukriyaa yoonusbhaee.

PIYUSH MEHTA-SURAT October 13, 2009 at 10:47 PM  

श्री युनूसजी तथा अन्य पाठक,
इस पोस्ट के लिये बधाई । जो भी वादक कलाकारो तथा वाध्यवृंद संचालन सहायको के बारेमें जो भी बात बताई गयी है वह सौ फीसदी सही है । क्यों की मेरे निजी संग्रहमें है, हालाकि केसेट रूपमें थी और अब सीडी में परिवर्तित है । पर जब यह एलपी देखी थी मैंनें उस वाद्यवृंद की सूची लिख़ ली थी । बादमें इस एलपी का दूसरा वर्झन बाझारमें आया तब इस सूची गायब थी । युनूसजीने जो बताया है कि राग तोडी की धून हल्लो हरमाईशमें बजायी जाती थी कार्यक्रम के कार्यक्रम के बीचमें वह राग मिश्र पीलू वाली धून इसी एलपी से थी ।

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