'ओ हंसिनी' 'गोरी ओ गोरी' और 'फटाफट'--बमचिक किशोर दा की जै हो
किशोर कुमार के अनगिनत किस्से सुने हैं उनके परिवार वालों और मित्रों से । कई बरस पहले 'यूनियन पार्क' चेम्बूर में दादामुनि अशोक कुमार से मिलने का मौक़ा मिला था । लगभग एक पूरा दिन उनके साथ बिताया । जो किस्से दादामुनि ने सुनाए उनमें किशोर दा के भी किस्से थे । उन्होंने बताया था कि बचपन में किशोर कुमार बड़े कर्कश आवाज़ वाले थे । एक दिन उनकी मां 'गौरी' हंसिये से सब्ज़ी काट रही थीं कि तभी किशोर बाहर से शरारत करते हुए आए और उनका पैर हंसिए पर पड़ गया । तीन दिन तक किशोर रोते रहे । उसके बाद उनकी आवाज़ खुल भी गई और सुरीली भी बन गयी ।
एक्टिंग वो करना नहीं चाहते थे । ज़बर्दस्ती एक्टर बनाए गए तो सबको तंग किया ।
इसी तरह जाने-माने निर्देशक ऋषिकेश मुखर्जी ने बताया था कि अपनी पहली ही निर्देशित फिल्म ‘मुसाफिर’ के दौरान किशोर कुमार ने उन्हें बहुत तंग किया था । ऋषि दा पहली बार निर्देशन कर रहे थे, नये निर्देशक में एक तरह की घबराहट होती ही है । लेकिन किशोर थे कि कभी स्क्रिप्ट का पालन नहीं करते थे । हमेशा इम्प्रोवाइज़ कर लेते थे । अगर ज़ोर देकर कहा जाता कि ऐसा ही करो । तो इतनी बुरी एक्टिंग करते थे कि आप सिर पकड़कर बैठ जाएं या फिर हाथ जोड़कर कहें कि महाराज जैसा मन में आए करो ।
‘मुसाफिर’ की शूटिंग का आखिरी दिन था । किशोर का सेट पर इंतज़ार किया जा रहा था । पर किशोर थे कि आए ही नहीं । हार कर ऋषिकेश मुखर्जी ने उनके घर पर फ़ोन किया । किशोर कुमार की पत्नी ने फ़ोन उठाया और कहा कि आप खुद आकर देख लीजिये यहां क्या हाल हुआ है । ऋषि दा भागे भागे पहुंचे कि माजरा क्या है । पहुंचे तो किशोर दरवाज़ा बंद करके भीतर से चिल्ला रहे थे, मत आईये, मत आईये । ख़ैर किसी तरह किशोर को सामने बुलवाया गया—तो पता चला कि उन्होंने अपना सिर मुंडवा लिया था । उन दिनों वो मिस मेरी फिल्म की शूटिंग कर रहे थे । निर्माता-निर्देशक से झगड़ा हुआ तो विरोध स्वरूप सिर मुंडवा लिया और कहा लो अब कर लो शूटिंग । इन लड़ाई में फंस गए ऋषि दा ने विग तैयार करवाया और अपनी फिल्म पूरी की ।
ऐसे किशोर दा भीतर से बेहद संजीदा थे । अपने आखिरी दिनों में वो खंडवा लौटना चाहते
थे । पर समय ने उन्हें इसकी इजाज़त नहीं थीं । आईये किशोर दा के दो अलबेले गाने सुनें और एक अलबेला गाना देखें ।
इस पहले गीत का इंट्रो म्यूजिक तकरीबन पौने दो मिनिट का है । जिसमें सेक्सोफोन की तरंगें भी शामिल हैं ।
song: o hansini
film:zehreela insaan
lyrics:majrooh sultanpuri
music: R D burman
duration: 05:06
ओ हंसिनी मेरी हंसिनी
कहां उड़ चली, मेरे अरमानों के पंख लगाके
आजा मेरी सांसों में महक रहा रे तेरा गजरा
आजा मेरी रातों में लहक रहा रे तेरा कजरा
ओ हंसिनी ।।
देर से लहरों में कमल संभाले हुए मन का
जीवन ताल में भटक रहा रे तेरा हंसा
ओ हंसिनी ।।
इस दूसरे गाने में किशोर दा ने पुरूष और महिला दोनों स्वरों में गाया है । ऐसे दूसरे गाने तो आपको पता ही हैं ना । 'हाफ टिकिट' का 'आके सीधी लगी' और 'लड़का-लड़की' का 'सुणिए सुणिए' ।
song: gori o gori
film: pyar ki kahani
lyrics:anand bakshi
music: R D Burman
duradion: 3:14
इसके बाद ये गाना देखिए । फिल्म है 'मैं सुंदर हूं' । इस गाने में आपको शंकर-जयकिशन की जोड़ी के शंकर, गीतकार आनंद बख्शी, क्लेरिनेट बजाते मनोहारी सिंह, रिकॉर्डिस्ट मीनू कात्रक, शंकर जयकिशन के सहायक (जिनके नामों से उनके चेहरे मिलाने की जुगत जारी है
) नज़र आएंगे । किशोर दा का जन्मदिन सबको मुबारक ।
8 comments:
अब हम क्या कहें ; आप ही बताइये !
;-)
हाँ,इतना बताए बिना ज़रूर नहीं रह सकते कि महमूद जी के साथ ज़ोरदार, "फटाफट" डान्स किया है - किशोर कुमार की पत्नी लीना चन्दावरकर ने !
फटाफट गीत बरसों बाद देख कर बमचिक हो गई जी!
Waah!!! thanx for 'O hansini' :)
Kishor da ka waakai jawaab naheen.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
बढिया पोस्ट लिखी है...आभार।
फटा फट गीत में दिखाई दॆनॆवालॆ जयकिशन हैं, शंकर नहीं ।
Nice blog for music lovers...
Work from home
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