संगीत का कोई मज़हब, कोई ज़बान नहीं होती। 'रेडियोवाणी' ब्लॉग है लोकप्रियता से इतर कुछ अनमोल, बेमिसाल रचनाओं पर बातें करने का। बीते नौ बरस से जारी है 'रेडियोवाणी' का सफर।
ध्वनि-तरंगों की ताल पर
विविध-भारती पर मुझे सुनिए:
वंदनवार:रविवार सुबह 6-05 त्रिवेणी: रविवार सुबह 7-45 छायागीत: रविवार रात 10-00 जिज्ञासा- शनिवार शाम 7-45 और रविवार सुबह 9-15
होली मुझे बेहद तरंगित और ललित पर्व लगता है । मुझे लगता है कि आधुनिक-जीवन के तनावों और दबावों से निपटने के लिए होली एक 'स्ट्रेस-बस्टर' की तरह है । जिसमें हम अपने भीतर जमा हो चुके 'संत्रास' को मौज-मस्ती के माध्यम से बाहर निकालकर बहुत हल्के हो जाते हैं । उम्मीद है कि आपकी ये होली ऐसी ही होगी । होली के इस मौक़े पर पंडित छन्नूलाल मिश्रा को सुनना अपने आप में एक दिव्य-अनुभव होता है । हालांकि आपको लग सकता है कि होली के इस शुभ मौक़े पर ये होली थोड़ी-सी अजीब और थोड़ी-सी भयानक है, जो भी है ये अपने आप में एक अद्भुत-होली है । कुल मिलाकर ये छह मिनिट अड़तालीस सेकेन्ड की रचना है । जो आपको एक पूरे जीवन-काल का आनंद देगी । बतलाईये आपकी होली कैसी है और छन्नूलाल जी को सुनना कैसा अनुभव रहा आपके लिए ।
खेलैं मसाने में होरी दिगंबर खेले मसाने में होरी । भूत पिसाच बटोरी, दिगंबर खेले मसाने में होरी ।। लखि सुंदर फागुनी छटा के, मन से रंग-गुलाल हटा के चिता-भस्म भर झोरी, दिगंबर खेले मसाने में होरी ।। गोपन-गोपी श्याम न राधा, ना कोई रोक ना कौनऊ बाधा ना साजन ना गोरी, दिगंबर खेले मसाने में होरी ।। नाचत गावत डमरूधारी, छोड़ै सर्प-गरल पिचकारी पीतैं प्रेत-धकोरी दिगंबर खेले मसाने में होरी ।। भूतनाथ की मंगल-होरी, देखि सिहाएं बिरिज कै गोरी धन-धन नाथ अघोरी दिगंबर खेलैं मसाने में होरी ।।
बहुत बहुत सुंदर गीत है। सुबह से ही एक गाने की याद आ रही थी- गंगाजल के रंग बनतु है बालू के उड़े अबीर होलिया खेलत सोनपुर में बाबा हरिहरनाथ...होलिया खेलत.... यहगीत तो कहीं मिल नहीं पाया पर छ्न्नू्लाल जी के गीत ने तबीयत खुश कर दी। बहुत बहुत आभार।
पहले तो आपको बधाई - मात्र होली की ही नहीँ, अपितु पिता बनने की भी ! रही इस गीत सुनने की बात, तो अजी आनन्द आ गया! ऐसा कि इस गीत तो Save कर ही लिया - पुन: सुनेंगे। हमारे यहाँ तो 5-6 दिन तक होली मनाने की परम्परा है ही।
आज यह इत्तेफ़ाक रहा कि मैंने भी आवाज़ पर यही पोस्ट कर दी। मैंने देखा ही नहीं कि आप पहले ही बाजी मार चुके हैं। खैर मैंने इस गीत का एक अलग संस्करण भी डाला है। साथ में छन्नूलाल के एल्बम 'होली के रंग टेसू के फूल' के सभी आठ गीत भी सुनवा रहा हूँ। ज्ञानदत्त जी जैसे अधिक तलब रखने वाले लोगों को शायद और मज़ा आये। सुनें
पं. छ्न्नूलाल जी मेरे संगीत के गुरु हैं. उनकी आवाज़ सुन कर मन भावुक हो गया यूनुस जी. वैसे कितने अचरज की बात है कि इतने बडे गायक को आज तक पद्म्श्री जैसा कोई पुरस्कार नही मिला जबकि उनके शिष्य तक पद्मभूषण पा चुके हैं.
मीनू खरे, कार्यक्रम अधिशासी, आकाशवाणी, लखनऊ. http://meenukhare.blogspot.com/
Unique pt. channulal mishra jee . No words for pt. jee. i am just speechless . but only one thing i would like to say in my traditional tone : kya baat hai pandit jee asli holy to yahi hai !
Many Many thanks for this song to Akashwani and Pt. channulal mishra jee
19 comments:
होली की बहुत बहुत बधाई .......
bahut sunder kya geet hai shukriaholi mubarak ho
बहुत बहुत सुंदर गीत है। सुबह से ही एक गाने की याद आ रही थी-
गंगाजल के रंग बनतु है
बालू के उड़े अबीर
होलिया खेलत सोनपुर में
बाबा हरिहरनाथ...होलिया खेलत....
यहगीत तो कहीं मिल नहीं पाया पर छ्न्नू्लाल जी के गीत ने तबीयत खुश कर दी। बहुत बहुत आभार।
आपको ,ममताजी और नवागन्तुक को शुभ होली ।
सप्रेम,अफ़लातून
आपको सपरिवार होली की मुबारकबाद एवं बहुत शुभकामनाऐं.
सादर
समीर लाल
यह तो सुना था और बार बार सुनने की तलब थी! बहुत धन्यवाद यूनुस। मेरा मन कैसे पढ़ लेते हो!
पहले तो आपको बधाई - मात्र होली की ही नहीँ, अपितु पिता बनने की भी !
रही इस गीत सुनने की बात, तो अजी आनन्द आ गया! ऐसा कि इस गीत तो Save कर ही लिया - पुन: सुनेंगे। हमारे यहाँ तो 5-6 दिन तक होली मनाने की परम्परा है ही।
यूनुस जी,
आज यह इत्तेफ़ाक रहा कि मैंने भी आवाज़ पर यही पोस्ट कर दी। मैंने देखा ही नहीं कि आप पहले ही बाजी मार चुके हैं। खैर मैंने इस गीत का एक अलग संस्करण भी डाला है। साथ में छन्नूलाल के एल्बम 'होली के रंग टेसू के फूल' के सभी आठ गीत भी सुनवा रहा हूँ। ज्ञानदत्त जी जैसे अधिक तलब रखने वाले लोगों को शायद और मज़ा आये।
सुनें
होली मुबारक़!!!
युनुस जी , आज होली के अवसर आपकी प्रस्तुती सराहनीय है । छुन्नूलाल जी का ये गायन सुन होली का मजा दूना हो गया । होली में रंग जाईये । होली की बधाई
यूनुस भाई .... क्या कहूँ ? किसी और plane पर हूँ. बहरहाल आप को सपरिवार होली पर मंगलकामनाएं !!
बेहतरीन होली गीत के लिये आभार युनूस भाई
और आप व ममता जी और हमारे राजा बेटे को स स्नेह आशिष
- लावण्या
युनुस भाई, आपकी पोस्ट का ज़माने से इंतेज़ार था. आस पूरी हुई एक बेहद ही मस्त, मधुर और अलग ही आलम वाले होली गीत से.
आपको , और परिवार को होली की शुभकामनायें. आपसे ऐसे ही मधुर सुरों की होली की अपेक्षा हर हफ़्ते!!क्या करूं मन नही भरता इससे कम में.
वाह वाह युनूस भाई वाह ! स्वार्गिक आनंद दिला दिया आपने -इनाम के हकदार हैं !
अद्भुत! हार्दिक आभार।
Is prastuti ke liye Dhanyavad.
पं. छ्न्नूलाल जी मेरे संगीत के गुरु हैं. उनकी आवाज़ सुन कर मन भावुक हो गया यूनुस जी.
वैसे कितने अचरज की बात है कि इतने बडे गायक को आज तक पद्म्श्री जैसा कोई पुरस्कार नही मिला जबकि उनके शिष्य तक पद्मभूषण पा चुके हैं.
मीनू खरे,
कार्यक्रम अधिशासी,
आकाशवाणी, लखनऊ.
http://meenukhare.blogspot.com/
Unique pt. channulal mishra jee .
No words for pt. jee. i am just speechless . but only one thing i would like to say in my traditional tone : kya baat hai pandit jee asli holy to yahi hai !
Many Many thanks for this song to Akashwani and Pt. channulal mishra jee
From :
Dr. Basu
Shamdarshi.bharat@gmail.com
wow..thanku thanku so mucch..
Mohit, Bhopal
excellent I ever heard this quality song of holi. Lot of best wishes to Pundit Jee.
Lokesh
Post a Comment
if you want to comment in hindi here is the link for google indic transliteration
http://www.google.com/transliterate/indic/