संगीत का कोई मज़हब, कोई ज़बान नहीं होती। 'रेडियोवाणी' ब्लॉग है लोकप्रियता से इतर कुछ अनमोल, बेमिसाल रचनाओं पर बातें करने का। बीते नौ बरस से जारी है 'रेडियोवाणी' का सफर।

Wednesday, May 16, 2007

हेमंत कुमार के कंसर्ट के दो दुर्लभ वीडियो

मित्रो
हेमंत दा के बारे में मुझे जल्‍दी ही लिखना है और उनके कुछ दुर्लभ तथा लोकप्रिय गीत भी सुनवाने हैं । लेकिन महाजाल पर भटकते भटकते कुछ ऐसा मिला है, कि फिलहाल लिखने का धीरज नहीं धर पा रहा हूं ।
ये हेमंत कुमार के किसी प्राचीन कंसर्ट के दो वीडियो हैं, जिन्‍हें यू ट्यूब पर किन्‍हीं मौला53 ने अपलोड किया था । ज़ाहिर है कि ये महाशय हम सबके अनंत धन्‍यवाद के पात्र हैं । आपसे बस इतना कहना है कि मैं तो माध्‍यम हूं, यानी इदम न मम, ये सब मौला53 की रहमत और करम है । उन्‍हें धन्‍यवाद पहुंचाईये और आनंद के सहभागी बनिए ।

जो पहला गीत हेमंत दा गा रहे हैं वो है ‘ ये रात ये चांदनी फिर कहां’ देखिये ये वीडियो ।




दूसरा वीडियो जिस गाने का है वो है ‘जाग दर्दे इश्‍क जाग’




चलते चलते आप सब से बस ये कहना चाहता हूं कि आज के गायकों के स्‍टेज पर लटके झटके देखिये और हेमंत दा की ये सादगी देखिये । गायकी के हमारे देवता है हेमंत दा । वे साधु हैं, संत हैं, वीतरागी लगते हैं । फरिश्‍ते जैसी आवाज है उनकी । और क्‍या क्‍या कहूं । और आज के तथाकथितों को देखिये । माईक को बोतल की तरह पकड़ते हैं और यूं लगता है कि अभी चकनाचूर कर देंगे । टोपी । बढ़ी हुई दाढ़ी । बड़बोलापन । गाने के साथ नाचना । उफ । हद है ।
खैर जाने दीजिये उनकी चर्चा करके रसभंग करना ठीक नहीं ।
बताईये आनंद तो आया ना आपको ।

7 comments:

Anonymous,  May 16, 2007 at 1:44 PM  

Dono videos bahut acche lage.

Kya aajkal ke talent hunting shows ek bhi aisa kalaakar hame de paayenge ?

Ek baat bataiye - kya Mumbai main kuch aise concerts kya ab bhi hote hai ?

Annapurna

Sagar Chand Nahar May 16, 2007 at 4:17 PM  

बहुत खूब यूनूस भाई, हेमंतदा की आवाज यों लगती है मानो कोई पुजारी मंदिर में भजन गा रहा हो, और हम बस आंखें बन्द कर उन्हें सुनते रहें। जैसे यह गाना

mamta May 16, 2007 at 7:55 PM  

इसमे कोई दो राय नही है की ओल्ड इस गोल्ड ।

Anonymous,  May 17, 2007 at 1:08 PM  

बहुत बढिया यूनूस भाई , क्या नायाब कलेक्शन ढूंढ के लाये हैं !

Unknown May 17, 2007 at 4:42 PM  

बहुत ही बढिया गीत (वीडियो) छाँट कर लाये हैं यूनुसजी, वाकई यह एक सुखद अनुभव रहा, हेमन्त दा को लाईव सुनना एक "पार्टी" की तरह है..

Manish Kumar May 18, 2007 at 2:49 PM  

हेमंत जी को गाते हुए देखना बहुत अच्छा लगा । ये दोनों गीत मुझे बेहद पसंद हैं ।

Pramendra Pratap Singh May 20, 2007 at 4:55 PM  

बहुत सुन्‍दर यूनूस भाई, क्‍या हीरा खोजा है मानना पड़ेगा।

बधाई

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