संगीत का कोई मज़हब, कोई ज़बान नहीं होती। 'रेडियोवाणी' ब्लॉग है लोकप्रियता से इतर कुछ अनमोल, बेमिसाल रचनाओं पर बातें करने का। बीते नौ बरस से जारी है 'रेडियोवाणी' का सफर।
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Friday, January 16, 2009

मेंडोलिन पर वो नॉस्‍टेलजिक धुन

पिछले दिनों 'रेडियोनामा' पर सागर भाई सा ने एक पोस्‍ट लगाई थी, जिसका शीर्षक था....'एक मित्र की मदद करें' । इस पोस्‍ट में उन्‍होंने विनोद कुमार श्रीवास्‍तव जी की एक मेल का जिक्र किया था । विनोद जी का कहना था....... 

बहुत सालों पहले आल इण्डिया रेडियो पर दो कार्यक्रमों के बीच के खाली समय में एक कर्णप्रिय धुन बजायी जाती थी. वह धुन किसी तार वाद्य ( सितार, संतूर, बैंजो आदि ) पर बजायी गई थी. पुराने रेडियो श्रोताओं को उस धुन की याद जरुर होगी. वह धुन आजकल नही सुनाई पड़ती है. क्या कही से वह धुन पुनः सुनी जा सकती है? कृपया मार्गदर्शन करें.

उन दिनों हम गए हुए थे मुंबई शहर से बाहर । लौटे तो विनोद जी की एक मेल इनबॉक्‍स में प्रकट हुई । जिसमें उन्‍होंने इस धुन को बजाने का प्रयास किया था अपने यामाहा की-बोर्ड पर ।
जिस दिन सागर भाई सा की पोस्‍ट देखी थी उसी दिन ये एक पुरानी सुनी ट्यून दिमाग़ में गूंज रही थी । विनोद जी के भेजे अटैचमेन्‍ट ने उसकी तस्‍दीक कर दी । ये वही ट्यून थी...जिसे देश भर के आकाशवाणी केंद्र फिलर के तौर पर बजाते रहे हैं । और लगभग सभी जगह घिस-घिसाकर इसका मलीदा बन चुका है । पर हमने ठान ली थी कि चाहे जो हो जाए, चाहे धरती आकाश एक करना पड़े, हम इस ट्यून को खोजकर ही रहेंगे । लीजिये ये रही ट्यून । रिकॉर्ड के मुताबिक़ में‍डोलिन पर इसे जसवंत सिंह ने बजाया है ।



मुझे इस ट्यून से बचपन में कई-कई बार रेडियो के अगले कार्यक्रम के इंतज़ार के पल याद आते हैं । और मन में ये सवाल कौंधता है कि आखिर कोई वाद्य-संगीत इतना बेक़रार कैसे कर सकता है हमें । विनोद जी जिस तरह इस ट्यून के लिए अधीर और परेशान थे...वैसा कई गीतों और धुनों के लिए मैं भी रह चुका हूं, रहता हूं और रहूंगा । आपमें से बहुत लोग इस अधीरता और व्‍यग्रता को समझ सकते हैं । कितना रहस्‍मय होता है संगीत का असर । शायद आध्‍यात्‍म की सीमाओं में हस्‍तक्षेप करता हुआ ।

जसवंत सिंह के बारे में हमें कहीं कोई जानकारी नहीं मिली । हां यूट्यूब पर जो वीडियो मिला वो ये रहा । आपमें से किसी को अगर जसवंत सिंह के बारे में पता है तो कृपया रोशनी दिखाएं भई ।



इस पोस्‍ट को रेडियोनामा पर पोस्‍ट करना था । पर आज साप्‍ताहिकी का दिन है । और इस ट्यून को आज की प्रस्‍तुत किये बिना हमसे रहा नहीं जा रहा था । ये ट्यून शीघ्र ही रेडियोनामा पर साईड-बार में सहेज दी जाएगी । ताकि जब मरज़ी हो आप आराम से इसे वहां सुन सकें । बताईये, आपको कौन-सी ट्यून परेशान कर रही है ।

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