खेला फुटबॉल खेला-- मन्ना डे के जन्मदिन पर विशेष
आज मज़दूर दिवस है और आज ही है हमारे प्रिय गायक मन्ना डे का जन्मदिन भी। जब तक मन्ना डे हयात थे, फोन पर उन्हें बधाई देते थे और कृतज्ञता ज्ञापन भी कि आपने हमारी जिंदगी को अपनी आवाज़ से सुनहरा बनाया है।
आज मन्ना डे के जन्मदिन के मौक़े पर उनके एक अनमोल गाने की याद और उसकी कहानी। 16 अगस्त 1980 को कोलकाता के ईडन गार्डन्स में भारत के दो सबसे पुराने और पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी क्लबों मोहन बागान और ईस्ट बंगाल के बीच ‘कोलकाता डर्बी’ नामक मुक़ाबला हो रहा था। मोहन बागान के कप्तान थे--कॉम्प्टन दत्ता और ईस्ट बंगाल के कप्तान थे—सत्यजीत मित्रा। इस मैच में हुआ ये कि बार-बार फाउल के बावजूद जब एक टीम के खिलाडियों को रेफरी ने कार्ड नहीं दिखाया, उन्हें सज़ा नहीं दी तो स्टेडियम में दोनों टीमों के समर्थकों के बीच ज़ोरदार झड़प हो गयी। आमतौर पर दोनों टीमों के समर्थकों को अलग अलग गैलेरीज़ में बैठाया जाता था पर जाने क्यों उस दिन मिले-जुले समर्थक बैठे थे। स्टेडियम में ज़ोरदार हिंसा हुई। ऐसे में दर्शक अपनी जान बचाने के लिए गेट की तरफ भागे। कुछ लोगों ने ऊँचाई से कूदकर भागने की भी कोशिश की। गेट संकरे थे, पुलिस की व्यवस्था पर्याप्त नहीं थी, इस वजह से कुल 16 लोगों की इस अशांति में मौत हो गयी थी और बड़ी तादाद में लोग घायल भी हुए थे।
नतीजा ये हुआ कि ‘कोलकाता डर्बी’ के आगे के सारे मैच रद्द कर दिए गए और दोनों टीमों पर भारी मात्रा में फाइन भी लगाया गया। कोलकाता के फुटबॉल के दीवानों को इस घटना से भारी झटका लगा। आगे चलकर इसका असर ये हुआ कि फुटबॉल के पारंपरिक बांग्ला फैन्स ने मैदान में मैच देखना आना कम कर दिया। परिवार के लोगों ने सुरक्षा के मद्देनज़र जमकर विरोध किया। लोगों को जाने ही नहीं दिया जाता था। इससे उबरने में तकरीबन दो दशक लग गये।
भारतीय फुटबॉल फेडरेशन ने मारे गये लोगों की याद में इस दिन को ‘फुटबॉल लवर्स डे’ घोषित कर दिया। इस मौक़े पर मन्ना दा ने एक गाना गाया- जिसके बोल थे—‘खेला फुटबॉल खेला’। इस गाने को लिखा था-सत्या बंदोपाध्याय ने और कंपोज़ किया था सुपर्ण कांति घोष ने। इस गाने के बाद लोगों से पैसे जमा किये गये और इस तरह जमा रकम मृतकों के परिजनों को सौंप दी गयी थी। इस गाने का संदेश था खेल को प्रेम से खेला जाये। मिल जुलकर रहा जाये। खेल के नाम पर हिंसा ना की जाए। फुटबॉल से जुड़ा ये सारी दुनिया में अपनी तरह का अनूठा गीत है।
आपको ये भी बता दें कि मन्ना दा और सचिन देव बर्मन फुटबॉल के परम दीवानों में से रहे हैं। अपनी टीम के कट्टर समर्थक। आज मन्ना डे के सौवें जन्मदिन और उनकी जन्मशती की शुरूआत के मौक़े पर ये बहुत ही खा़स गीत आप सबकी नज़र।
Song: khela Football Khela
Singer: Manna Dey
Lyrics: Satya Bandopadhyay
Music: Suparn kanti Ghosh
Duration: 06:08
ये रहे इस गाने के अधूरे बोल
(पूरे बोल किसी के पास रोमन में हों तो कृपया भेजें)
khela football khela
khela football khela
khoka dekhte gelo
sei sakal bela
khela football khela…..
chhoto baro teami er khela
shato shato loker mela
khoka dekhte gelo
sei sakal bela
khela football khela…..
oi oi oi jarsi pore
namlo duto dal hajar hajar lok hoye othe chanchal
khokar mukhe ghamer alpona
chokher taray utte jona
khokar mukhe ghamer alpona
chokher taray utte jona
ke jete ke hare ke kata gol kare
ke kata gol kare
ke kata gol kare
referir huisel khela holo shuru
kapchhe buk aj duru duru
chhutchhe je bal e gol theke o gole
mete uthechhe math lokeder bhishon kalorole
uttejonay fatchhe mather buk
alo adhari hochchhe khokar mukh
hathath khelte khelte kheloarder laglo thokathuki
sange sange darshok der hate iter lofalufi
nimeshete khelar mather aj bodle gelo rup
ranokhetro ar kake bale khoka bhaye chup
praner bhaye chhutlo manush
sabai dishshara
sara mathe boye gelo
rakto gangar dhara
sabar sathe chhutlo
1 comments:
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन 2400वीं बुलेटिन - स्व. सत्यजीत रे जी 98वीं जयंती में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
Post a Comment
if you want to comment in hindi here is the link for google indic transliteration
http://www.google.com/transliterate/indic/