लता दीदी के जन्मदिन पर उनके कंसर्ट के कुछ वीडियोज़
आज सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का जन्मदिन है ।
हर्ष की बात ये है कि रेडियो सखी ममता सिंह की लता जी से आधे घंटे तक फोन पर बात हुई है और उसमें लता जी ने बड़े स्नेह से अपने बारे में कई बातें बताई हैं । संभवत: इस बातचीत का प्रसारण तीन अक्तूबर को दिन में ढाई बजे किया जायेगा । बहरहाल मेरी भी कुछ महीने पहले लता जी से मुलाक़ात हुई थी और उनसे संक्षिप्त बातें करने का मौक़ा भी मिला था । लेकिन उस बातचीत का दूसरा भाग अब तक मुमकिन नहीं हो पाया है । देखें ये अभियान कब पूरा हो पाता है ।
बहरहाल आज लता मंगेशकर के जन्मदिन पर मैं आपके लिए वो वीडियोज़ लाया हूं जो उनके पहले और अन्य कंसर्टस के हैं ।
आपको बता दें कि लता जी का पहला विदेशी कंसर्ट 1974 में लंदन के रॉयल एल्बर्ट हॉल में हुआ था । जिसमें दिलीप कुमार ने लता मंगेशकर का परिचय दिया था । मुमकिन हुआ तो जल्दी ही मैं इस भाषण को आपके लिए खोजकर लाऊंगा । इस कंसर्ट में लगभग अठारह हज़ार दर्शक मौजूद थे । नेहरू मेमोरियल ट्रस्ट के इस कामयाब आयोजन के लिए लता जी ने अपने गानों की फेहरिस्त बड़ी सावधानी से तैयार की थी । कंसर्ट के आग़ाज़ में जैसे ही लता जी ने अपनी तान छेड़ी--आ आ । बस तालियों की गड़गड़ाहट गूंजने लगी । फिर लता जी ने गीता का एक श्लोक गाया । जो वो हमेशा गाती हैं । इसके बाद फिल्मी गीतों का सिलसिला शुरू हुआ ।
मैं अपनी एक अनमोल याद आपसे बांटना चाहूंगा । सन 1998 की बात है शायद । बरसों बाद लता जी का कंसर्ट भारत में हो रहा था और वो भी मुंबई में । टिकिटों की क़ीमतें बड़ी ज्यादा थीं । मैं मुंबई में तब नया ही था । साल दो साल हुए थे । पैसे भी कम ही मिलते थे । लेकिन सोच लिया था कि लता जी का कंसर्ट तो छोड़ना नहीं है । दफ्तर से लौटते हुए एक टिकिट खरीद लिया । बड़ा सुंदर सा टिकिट था । आकार में भी बड़ा । कीमत में भी । तब सुनील मेरा रूप पार्टनर था । सुनील से मेरी गहरी छनती थी लेकिन उसे लग रहा था कि लता जी के कंसर्ट के लिए इतने पैसे क्यों खर्च किये जायें । इसलिए उसने ज्यादा रूचि नहीं दिखाई । मैंने टिकिट संभालकर अपनी फाईल में रख दिया और इंतज़ार करने लगा कि कब वो दिन आयेगा जब मैं कंसर्ट में जाऊंगा । इसके बाद बड़ा मज़ा आया । रोज़ मैं टिकिट निकालकर देखता और सुनील को छेड़ता । याद नहीं पर शायद उस दिन सुनील मेरे बाद लौटा और फिर उसने एक बड़ा सा टिकिट मेरे सामने रख दिया । मैंने कहा-क्यों, क्या हुआ । तुम तो नहीं जाने वाले थे । सुनील बोला, अरे यार पता नहीं ऐसा सौभाग्य जिंदगी में फिर कब मिले । फिर
तू भी तो रोज़ छेड़ता था, मैंने सोचा अभी इतना परेशान कर रहा है कंसर्ट के बाद क्या होगा । सोचा चलो साथ साथ इस कंसर्ट का लुत्फ उठायेंगे । और हम मुंबई के स्पोर्टस कॉम्पलेक्स में गये । वहां लोग इतनी दूर दूर से कंसर्ट देखने आये थे कि विश्वास ही नहीं हुआ । एक बुजुर्ग जोड़ा शायद लातूर से आया था । जब लता जी ने कोई पुराना प्रेमगीत गाया तो इस जोड़े की आंखें छलक आईं । ये उनके ज़माने का गाना था और बरसों बरस रिकॉर्ड या रेडियो पर सुनने के बाद आज वो लता जी को अपने सामने गाते हुए देख रहे थे । ग़ज़ब का माहौल था ।
बहरहाल चलिये लता जी के कंसर्ट के कुछ वीडियो देखे जाएं ।
ये है महल फिल्म का गीत--आयेगा आने वाला, लता जी का पहला हिट गीत । संभवत: ये उनके दूसरे कंसर्ट का वीडियो है जो 1976 में हुआ था
अब देखिए--कहीं दीप जले कहीं दिल । फिल्म बीस साल बाद । इस कंसर्ट में लता जी ने मोटा सा चश्मा पहन रखा था ।
ये पहले कंसर्ट का वीडियो है ।
लता जी अपने कंसर्ट में मधुमति का गीत-आजा रे परदेसी जरूर गाती हैं । अगर मेरी याददाश्त धोखा नहीं दे रही है तो लता जी को पहला फिल्म फेयर इसी गीत के लिए मिला था ।
कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है । पता नहीं ये किस कंसर्ट का वीडियो है । ना ही इसमें पुरूष गायक पहचान पा रहा हूं । ये मुकेश तो नहीं हैं ।
इन वीडियोज़ को देखना अपने आप में एक दिव्य अनुभव है । रेडियोवाणी के ज़रिए हम लता जी को जन्मदिन की असंख्य शुभकामनाएं दे रहे हैं ।
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9 comments:
यूनुस भाई मज़ा ही आ गया आपके footage देखकर आज लता जी के बारे में बहुत कुछ देखने सुनने को मिला, जब मेरी शरीक-ऐ- हयात दुसरी बार हाम्ला थी तो मैं सोच रहा था की काश मेरी एक बेटी हो और २८ सितंबर को हो, खुदा ने सुन ली बेटी हुई पर थोड़ी जल्दी आ गयी २५ सितंबर को ही, खैर, उम्मीद करुंगा की उसकी आवाज़ में भी लता जी का एक छोटा सा अंश आ जाए
मैं आज के हिंद का युवा हूँ,
मुझे आज के हिंद पर नाज़ है,
हिन्दी है मेरे हिंद की धड़कन,
सुनो हिन्दी मेरी आवाज़ है.
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9871123997
सस्नेह -
सजीव सारथी
खूबसूरत.
एक फ़िल्म जिसने दो कलाकारों को स्टार का दर्जा दिया - बैजूबावरा और स्टार - मीनाकुमारी और लता
ये कहना मेरा नहीं है, ख़ुद मीना कुमारी ने विशेष जयमाला में कहा था।
बड़े नायाब विडियो है आपके जरिये हम भी लता जी को उनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनायें देते है.
बहुत आभार इस अद्भुत प्रस्तुति का.
युनूस भाई लता-जन्मोत्सव मुबारक.
फ़िराक गोरखपुरी के शब्द लताजी के लिये मुलाहिज़ा फ़रमाएँ:
जो फ़ज़ाँ-ए-ग़ैब(१) में गूँज उठीं वो हैं मेरी नग़्मा सराइयाँ
परे-जिबराइल(२) को चूम ले,वो लपक है शोला-ए-साज़ में
मेरी मंज़िलों का तो ज़िक्र क्या , मेरी ग़र्द को भी न पा सके
जो फ़ज़ाँ मे जज़्ब थीं बिजलियाँ वो हैं आज तक तगो ताज (३)में
(१)अदृश्य वातावरण
(२)अनुकम्पा के फ़रिश्ते के पँखों को
(३)भाग-दौड़ में
लता दीदी इस सृष्टि की दिव्य आत्मा हैं.
वे जब तक हमारे बीच हैं....सृष्टि सुरीली है
मालवी में कहूँगा...जुग जुग जिवो लता जीजी.
बिला शक ! लता जी के साथ मुकेशजी का सात्विक स्वर ही है.दोनों के बीच में वॉयलिन पर हैं कुँवर राजेन्द्रसिंह जो तक़रीबन चालीस बरस तक लता जी के अखंड स्वर की छाया बने रहे.रतलाम के हैं राजेन्द्रभाई और वॉयलिन में कुछ रद्दोबदल कर उसे सुरलीन कहते हैं.अल्बर्ट हॉल के बहु-चर्चित कंसर्ट में भी लताजी के साथ बजा चुके हैं.आजकल पंकज उधास के साथ बजा रहे हैं(लावण्या बेन ने विश्व हिन्दी सम्मेलन के दौरान उनका चित्र संगीतकार सज्जाद के साहबज़ादे नासिर सज्जाद के साथ जारी किया था.)बरसों लताजी के सुर का साया रहे हैं राजेन्द्रभाई की सुरलीन के तार.
जिस तरह फूल की खुश्बू का कोई रंग नहीं होता वो महज खुश्बू होती है, जिस तरह बहते हुए पानी के झरने या ठंडी हवाओं का कोई घर या देश नहीं होता, जिस तरह कि उभरते हुए सूरज की किरणों का या किसी मासूम बच्चे की मुस्कुराहट का कोई मजहब या भेदभाव नहीं होता, वैसे ही लता मंगेशकर की आवाज कुदरत की तख़लीक का एक करिश्मा है।
- दिलीप कुमार (अभिनेता)
लता किसी तारीफ की नहीं बल्कि परस्तिश के काबिल हैं। उनकी आवाज सुनने के बाद ऐसा आलम तारी हो जाता है.. यूं समझिए जैसे कोई दरगाह या मंदिर में जाए तो वहां पहुंचकर इबादत में सिर खुदबखुद झुक जाता है और आंखों से बेसाख्ता आंसू बहने लगते हैं।
- नरगिस दत्त (अभिनेत्री)
संजय भाई की बात सही है.वही है.
इस कार्यक्रम के विडिओ फ़ूटेज से मिलती जुलती विस्युअल फ़्रेम में मुकेश जी के लाईव गाये हुए गाने के विडिओ को दूरदर्शन पर नश्र किया जा चुका है.गाते हुए साथ में उन्होनें हार्मोनियम लिया हुआ था.
१९९८ वाले कंसर्ट को सुनने का सौभाग्य मुझे भी मिला था.अब तक यादों में बसा हुआ है, उसका एक एक गीत.
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