बहरहाल...मैं इस मांझी गीत की बात कर रहा था, सभी मांझी गीतों की तरह इस गीत में भी दार्शनिकता है । जिंदगी की इस 'फॉर्मूला-वन-रेस' में ऐसे गीत हमें रूककर पुनर्विचार करने की प्रेरणा देते हैं । इस गीत के मर्म को मैं अभय तिवारी की इस पोस्ट और ज्ञान जी की इस 'ज्ञान-बीड़ी'....( जी हां जहां भी ज्ञान दिया जाए उसे हम ज्ञान-बीड़ी कहते हैं ) से जोड़कर प्रस्तुत कर रहा हूं । इन दोनों पोस्टों को पढ़कर इस गीत को सुना जाए तो इसका अपना एक 'पाठ'...अपना 'रिफरेन्स'...एक 'प्लेटफार्म' तैयार होता है । मुझे लगता है कि इस गाने को इन दोनों पोस्टों से जोड़कर एक 'त्रिवेणी' तैयार होती है । ये अलग बात है कि इस गाने में 'मांझी' हमें 'प्रेम' की किसी खोज की ओर ले जाता है । पर ये सच है कि हम सबकी अपनी अपनी खोज है । किसी को तो पता है कि वो क्या खोज रहा है । पर किसी-किसी को पता ही नहीं कि उसका लक्ष्य, उसका पथ आखिर है क्या ।
छल-छल बहती जीवन-धारा मांझी नैया ढूंढे किनारा
किसी ना किसी की खोज में है ये जग सारा
कभी ना कभी तो समझोगे तुम ये इशारा
ऐसी कोई मौज नहीं जिस को कोई खोज नहीं
ओ-हो...
कोई ना कोई तो हर किसी को लगता है प्यारा ।।
मांझी नैया ।।
जीवन-पथ पर चलते हुए इक दिन थक कर चलते हुए
ओ-हो...
कहीं ना कहीं मैं थाम लूंगा आंचल तुम्हारा ।।
मांझी नैया ।।
जैसे सीता-राम मिले, जैसे राधा-श्याम मिले
ओ-हो...
कभी ना कभी तो मिलन होगा, तुमसे हमारा ।।
मांझी नैया ।।
और हां फिल्म 'उपहार' की कथा यहां पढिये । अगर इस फिल्म को देखना ही चाहते हैं तो ऑनलाईन राजश्री की वेबसाईट पर यहां देखिए । इसके लिए आपको मुफ्त साईन-अप करना होगा ।
बहुत अच्छा गीत !
ReplyDeleteयुनूस जी मराठी माँझी गीत भी कुछ कम नहीं है।
बहुत अच्छा गीत !
ReplyDeleteयुनूस जी मराठी माँझी गीत भी कुछ कम नहीं है।
बहुत अच्छा गीत है! इस की तलाश कर रहा था।अब डाउनलोड कर लिआ है।आभार।
ReplyDeleteबहुत ही मधुर गीत है। आज तो सुन नही पाया पर मुझे यह गीत अच्छा लगता है। शुक्रिया जी।
ReplyDeleteसुंदर मीठा गीत। खूब याद दिलाया!
ReplyDeleteआधी रात में यह गीत सुनते हुए लग रहा है, मैदान के चौडे पाट में मन्थर गति से बह रही नदी में नौका विहार कर रहा हूं।
ReplyDeleteशुक्रिया युनूस भाई।
सच में यह गीत त्रिवेणी सा बनाता है। एक बार पुन: सुना। वैसा ही लगा, जैसा मैं चाहता था।
ReplyDeletethanks for the good song. it gave me lot of imagination...keep posting the good one...
ReplyDeletei wold like to know that,Google indic transliteration gives only to type Indian languages but doesn't provide formatting( rich text editor). Do you have any idea of having both?
hi anonymous
ReplyDeletether is a firefox plugin.
which can be useful
yunus
बडा ही सुमधुर मांझी गीत सुनाया आपने, धन्यवाद.
ReplyDeleteजी हां , मराठी मांझी गीत याने कोळी गीत भी अच्छे है.
युनुस जी ,मैं एक गीत बहुत दिनों से ढूंढ रही हूँ 'तुम अपना रंजोगम अपनी परेशानी मुझे दे दो 'फ़िल्म का नाम नहीं पता पर गायिका का नाम शायद दिलजीत या दिलराज कौर है .उपकार वाला गाना मैंने अपने पीसी में डाउनलोड कर लिया है .
ReplyDeleteयुनुस जी ,आप तो रेडियो पर भी और ब्लॉग पर भी दिल जीते हुए हैं ,सचमुच ये मांझी गीत निर्मल आनंद और ज्ञान बीडी की पोस्ट त्रिवेणी हैं , kabhi dekhain
ReplyDeletehttp://sarparast.blogspot.com/2009/02/blog-post_26.html#comments
अभी युनूसजी की व्यस्तता बढने के कारण मूक्तीजी को मैं जानकारी देता हूँ, कि फिल्म शगून के इस गाने की गायिका है, इस गाने के संगीतकार खैयाम साहबकी पत्नीजी श्रीमती जगजीत कोरजी । और एक अतिरीक्त बात भी कहता हूँ, कि इस गानेमें पियानोका जो उपयोग हुआ है वह जानेमाने प्यानो एकोर्डियन वादक श्री एनोक देनियेल्स साहबने बजाया है । जिनसे मेरी पहचान करीब 10 साल से उनके काहक के रूपमें उनसे परिचयमे6 आना हुआ है, पर करीब 39 साल केबाद उनको स्टेज पर बजाते सुना और देख़ा, जो अपनी आयु के 76 साल पर करके भी नौजवान जैसे स्फूर्तिले है ।
ReplyDeleteपियुष महेता ।
सुरत-395001.
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteget free web traffic submit your url link
ReplyDeleteindianDigg.com