tag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post8044669291869499267..comments2024-02-21T13:54:06.301+05:30Comments on रेडियो वाणी: अठन्नी-सी ये जिंदगी : फिर रविवार-फिर गुलज़ारYunus Khanhttp://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-47112796491239190922009-09-25T22:37:55.655+05:302009-09-25T22:37:55.655+05:30गुलज़ार साहब की क़लम में ग़ज़ब का जादू है। यह गाना इस ...गुलज़ार साहब की क़लम में ग़ज़ब का जादू है। यह गाना इस बात को एक बार फिर पुख़्ता करता मालूम होता है। संगीत भी बढ़िया है। अचरज की बात यह है कि यह गाना मैंने आज से पहले कभी सुना नहीं था। आपकी बदौलत सुन सका... शुक्रिया।Pratik Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/02460951237076464140noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-40877847206876026182009-08-10T07:41:45.274+05:302009-08-10T07:41:45.274+05:30@युनुस जी आप मेरी पोस्ट पर तांडवस्त्रोत्र क्यो नही...@युनुस जी आप मेरी पोस्ट पर तांडवस्त्रोत्र क्यो नही सुन पाये ये तो नही जानती ,पर इसका अफ़सोस है...Archana Chaojihttps://www.blogger.com/profile/16725177194204665316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-9501220907038471572009-08-10T04:41:06.396+05:302009-08-10T04:41:06.396+05:30गाने के बोलों के साथ शीशे के मर्तबानों का प्रेजेंट...गाने के बोलों के साथ शीशे के मर्तबानों का प्रेजेंटेशन बढ़िया है ..!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-48781759809408479382009-08-09T23:59:38.290+05:302009-08-09T23:59:38.290+05:30हां , ये लिखना तो भूल ही गया कि गुलज़ार साहब नें कम...हां , ये लिखना तो भूल ही गया कि गुलज़ार साहब नें कमाल का लिखा है,(जिस बात पर पोस्ट लिखी गयी है)दिलीप कवठेकरhttps://www.blogger.com/profile/16914401637974138889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-84371176466774929602009-08-09T23:58:43.180+05:302009-08-09T23:58:43.180+05:30आश्चर्य हुआ, कि हरिहरन थोडा सा कनसुरा हो सकते हैं....आश्चर्य हुआ, कि हरिहरन थोडा सा कनसुरा हो सकते हैं. (यू ट्युब) मगर जब प्लेयर पर सुना तो ठीक से सुना, और समझ आया कि मूव्ही बनाते समय ऒडियो में गडबड हुई है!!<br /><br />हारमोनी के उपयोग के अलावा इस गीत में और श्रवणीय नहीं मिला. मगर इसे सुन कर माचिस के गीतों की याद ज़रूर आयी.दिलीप कवठेकरhttps://www.blogger.com/profile/16914401637974138889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-53337265450526829892009-08-09T23:22:40.999+05:302009-08-09T23:22:40.999+05:30गाना सुनना तो सम्भव नही है क्योंकि रात हो चुकी है।...गाना सुनना तो सम्भव नही है क्योंकि रात हो चुकी है। पर गुलजार जी की तो बात ही कुछ और है उनका लिखा दिल को छूता है। जो पल उनके लिखे को पढने या सुनने में बीतता है तो लगता है यह वक्त बर्बाद नही गया। सच उस पल को दिल से जी लिया।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-12034201651642225422009-08-09T20:51:09.496+05:302009-08-09T20:51:09.496+05:30गुलजार साहब का जवाब नही छोटी कविता और भाव गहराई लि...गुलजार साहब का जवाब नही छोटी कविता और भाव गहराई लिए हुये हरिहरण ने इसे बहुत सुंदर गाया है और विडियो को कुछ खट्टा कुछ मीठा या मनोरंजक कह सकते है!जीवन सफ़रhttp://jivansafar.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-24456229802609099782009-08-09T19:46:24.129+05:302009-08-09T19:46:24.129+05:30Vakai behtar geet hai.Is team ka to javab hi nahin...Vakai behtar geet hai.Is team ka to javab hi nahin !अभिषेक मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07811268886544203698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-54099553463761995022009-08-09T18:23:28.208+05:302009-08-09T18:23:28.208+05:30यूट्यूब वाला खुराफात बढ़िया है। हम भी करने को उद्धत...यूट्यूब वाला खुराफात बढ़िया है। हम भी करने को उद्धत हो सकते हैं। बस हमारे पास स्वर नहीं हैं! :(Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-39646524344404619222009-08-09T15:49:51.520+05:302009-08-09T15:49:51.520+05:30फिल्म में गीत का अपना मकसद है जिसे वह पूरा करता है...फिल्म में गीत का अपना मकसद है जिसे वह पूरा करता है। लेकिन मुझे यह गीत अधिक पसंद नहीं आया। उल्लेखनीय नहीं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com