tag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post601279322855088890..comments2024-02-21T13:54:06.301+05:30Comments on रेडियो वाणी: मास्टर इब्राहीम की क्लेरियोनेट पर बजाई एक फिल्मी धुन- संगीत में ढाई मि0 की डुबकी ।Yunus Khanhttp://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-73432344325570608062008-03-13T11:09:00.000+05:302008-03-13T11:09:00.000+05:30पीयूष भाई ने बड़ी मेहनत की, उनके इस ज्ञान पर आश्चर्...पीयूष भाई ने बड़ी मेहनत की, उनके इस ज्ञान पर आश्चर्य होता है। खैर धुन किसी भी कलाकार ने बजाई हो हमें तो बहुत ही मधुर और कर्णप्रिय लगी।<BR/>धन्यवादसागर नाहरhttps://www.blogger.com/profile/16373337058059710391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-54192971390370005032008-03-12T17:41:00.000+05:302008-03-12T17:41:00.000+05:30instumental music series ka idea bahut achcha hai....instumental music series ka idea bahut achcha hai. intezar rahega.jyotin kumarhttps://www.blogger.com/profile/10923587696826008702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-28471581152591726192008-03-12T17:09:00.000+05:302008-03-12T17:09:00.000+05:30आदरणिय श्री युनूसजी,यह पोस्ट मैंने कल पढी थी, तबसे...आदरणिय श्री युनूसजी,<BR/>यह पोस्ट मैंने कल पढी थी, तबसे ही मेरे दिमागमें थोडा सा शंशय पेदा हुआ था । पर उस वक्त मेरे नेट पर थोडा प्रोब्लेम होने के कारण सुन नहीं पाया था । पर आज अभी दि. १२ मार्च, २००८ के दिन दो पहर के बाद ०४.३० पर यह सुन कर लिख रहा हूँ । <BR/>आपने जो भी वेब पन्ने से यह जान कारी के साथ इस धून को पाया वह वेब वालोने श्री एनोक डेनियेल्स साहब की एल.पी. डान्स टाईम से यह धून गलती से उठाई है । इस्में कहीं भी क्लेरीनेट है ही नहीं । यह एल. पी. की कूल ११ में से करीब ९ धूनें श्री एनोक डेनियेल्स साहब इस के पहेले अलग अलग ७८ आरपीएम तथा ई पी और एल. पी. में पियानो-एकोर्डियन पर प्रस्तूत कर चूके थे । इसमें यह धून भी शामिल थी । और विविध भारती के पास यह दोनों धूनें है और यह डान्स टाईम की तो आप लोगो के पास सीडी भी आ गयी है । आपको याद होगा कि जब अभी तो नहीं पर दो साल पहेले मैं आया था तब यह नीले गगन के तल्रे बाली पियानो एकोर्डियन वाली धून इन दिनों विविध भारती से व्यापारी अंतराल के दौरान बजती थी, वह मैं ने आपसे, कमम शर्माजी से और श्री महेन्द्र मोदी साहब से अलग अलग किया था, जिसमेम तीन अंतरे पूरे थे । पर यह डान्स ताईम वाली इस गीत की धून में सिर्फ़ दूसरा और तीसरा ही प्रस्तूत किया गया है । इस धून में मेलडी पार्ट कुछ: ब्रास वाद्यो पर बजाया गया है । और तीसरे अंतरेमें पियानो का भाग जो मेलडी भाग से पहेले बजता है, वह श्री एनोक डेनियेल्स साहबने शायद खुद ही बजाया है ।<BR/>मास्टर इब्राहिम साहबने यह धून जहाँ तक मेरा खयाल है, बजाई ही नहीं है । आज उनको सभी जगह से श्रद्धांजलियाँ मिल रही है, पर उनके बनाये खजाने पर व्यापार करने वालोने उनको आर्थिक परेशानीयाँ कैसे दी थी, वह मैंने एक ख्यात्नाम वादक कलाकारसे जबानी सुनी है । आप उनके तीन वायब्रोफोन बादक बेटों ( एक का नाम शायद इक़बाल है) से इस बारेमें शायद सही बात जान सकते है । जब फिर हमारा आप से मिलना होगा, मैं आपको बताऊँगा । <BR/>इनकी कोई भी धून स्टिरीयोमें नहीं ध्वनिआंकित नहीं हुई थी । असल धूने सब शायद ७८ आरपीएम पर ही थी, जो उनके इन्तेकाल के बाद श्रद्धांजलि के रूपमें सहबे पहेले एक एल पी और बाद कई सीडी के रूपमें बझारमें आयी । (विविध भारती के पास इस धून कन्हैयालालजी की शहनाई पर भी है ।)<BR/>आशा है आप और अन्य वाचक इस पर टिपणी प्रस्तूत करेंगे ।<BR/>पियुष महेता ।<BR/>सुरत-३९५००१.PIYUSH MEHTA-SURAThttps://www.blogger.com/profile/12760626174047535862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-18501595148278714952008-03-12T00:21:00.000+05:302008-03-12T00:21:00.000+05:30किसी ज़माने में हवा-महल रात सवा नौ बजे प्रसारित होत...किसी ज़माने में हवा-महल रात सवा नौ बजे प्रसारित होता था. उसके पहले नौ बजे हिन्दी समाचार बुलेटिन समाप्त होता था और बीच में होता था मेरा पसंदीदा कार्यक्रम साज़-आवाज़. इस कार्यक्रम में मास्टर इब्राहिम की बहुतेरी धुनों को सुनने का मौक़ा मिलता था यूनुस भाई. इसी में वान शी प्ले, एनॉकडेनियल्स ,वी . बलसारा और चिरंजीत सिंह से हवाइन गिटार,एकॉर्डियन,यूनीबॉक्स प्यानो और मेंडोलियन पर कई धुनें सुनने के बाद मैं पिताजी से ज़िद कर के बेंजो ख़रीद लाया था और स्कूल से कॉलेज तक आते आते कई ट्रॉफ़िया जीतने का मज़ा ले चुका था. साज़ और आवाज़ ने मुझ जैसे कई मध्यमवर्गीय परिवारों के किशोरों और युवकों को विभिन्न वाद्यों की ओर खींचा.आपकी पोस्ट और माडसाब के ज़िक्र से किशोर और युवा मन की यादों के गलियारों की सैर कर आया हूँ आज.(बस चैक कर लीजियेगा कि हमराज़ की ये धुन क्लेरोनियेट की जगह पर ट्रंपेट पर तो नहीं बजी है)sanjay patelhttps://www.blogger.com/profile/08020352083312851052noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-23415917544766110512008-03-11T19:57:00.000+05:302008-03-11T19:57:00.000+05:30शुक्रिया यूनुस मोहम्मद इब्राहिम के हुनर से परिचय क...शुक्रिया यूनुस मोहम्मद इब्राहिम के हुनर से परिचय कराने का !Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-7360271563761186832008-03-11T18:05:00.000+05:302008-03-11T18:05:00.000+05:30भाई मस्त कर दिया,हल्का हल्का रस ले रहा हूँ मज़ा आ र...भाई मस्त कर दिया,हल्का हल्का रस ले रहा हूँ मज़ा आ रहा है... इसी तरह का कुछ और भी सुनाते रहेंगे यही विश्वास है..VIMAL VERMAhttps://www.blogger.com/profile/13683741615028253101noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-76772455506267470722008-03-11T17:41:00.000+05:302008-03-11T17:41:00.000+05:30सर जीइंस्ट्रूमेंटल म्युज़िक पर सिरीज़ का आइडिया बह...सर जी<BR/>इंस्ट्रूमेंटल म्युज़िक पर सिरीज़ का आइडिया बहुत अच्छा है, मुझे पूरा विश्वास है कि आपके पास ख़जाना होगा बहुत बड़ा.अनामदासhttps://www.blogger.com/profile/06852915599562928728noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-43029122603837190202008-03-11T15:10:00.000+05:302008-03-11T15:10:00.000+05:30बहुत अच्छीबहुत अच्छीannapurnahttps://www.blogger.com/profile/05503119475056620777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-54862898143379661392008-03-11T14:08:00.000+05:302008-03-11T14:08:00.000+05:30हम्म्म्म् बढ़िया.!हम्म्म्म् बढ़िया.!कंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.com