tag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post5705582041220823023..comments2024-02-21T13:54:06.301+05:30Comments on रेडियो वाणी: काहे को ब्याहे बिदेस-जगजीत कौर की आवाज़ ।।Yunus Khanhttp://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-41347942501690490632013-05-02T16:44:58.468+05:302013-05-02T16:44:58.468+05:30आपकी इस पोस्ट के लिखने के लगबग साढ़े चार साल बाद म...आपकी इस पोस्ट के लिखने के लगबग साढ़े चार साल बाद मैं आपकी पुरानी पोस्टस देख रहा हूँ। बहुत भावुक पोस्ट है और गाना भी। संजय भाई सा की टिप्पणी ने और उदास कर दिया।<br />अमीर खुसरो की इस अमर रचना को मुकेशजी ने भी फिल्म "सुहागरात 1948" में गाया है। मैने पोस्ट भी लिखी है।<br />http://mahaphil.blogspot.in/2012/12/blog-post.htmlसागर नाहरhttps://www.blogger.com/profile/16373337058059710391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-47975378687462403612008-11-02T00:55:00.000+05:302008-11-02T00:55:00.000+05:30गीत सुनकर आँसू बह निकले और लवलीन के बारे में पढकर ...गीत सुनकर आँसू बह निकले और लवलीन के बारे में पढकर दिल तड़प उठा...ईश्वर नन्ही सी आत्मा को शांति दे..मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-85468061970704254052008-10-25T04:19:00.000+05:302008-10-25T04:19:00.000+05:30आभार/आपने ये गाना सुनवा कर घर की याद दिला दी वो भी...आभार/आपने ये गाना सुनवा कर घर की याद दिला दी वो भी भीगी-भीगी पलकों के साथ/बहुत ही भावुक कर देने वाला गाना/संगीता-जीवन सफ़रhttps://www.blogger.com/profile/07000522720886636317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-49311865296050267662008-10-23T14:06:00.000+05:302008-10-23T14:06:00.000+05:30aap sabhi ka shukriya , apne meri ladli tavleen ko...aap sabhi ka shukriya , apne meri ladli tavleen ko itna pyar diya.Dr. G. S. NARANGhttps://www.blogger.com/profile/12411281026780585162noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-54390328477591884632008-10-17T13:18:00.000+05:302008-10-17T13:18:00.000+05:30Is Geet ko sab se pahale Suna tha, T.V. Serial Ami...Is Geet ko sab se pahale Suna tha, T.V. Serial Amir Khusaro me. Fir ek cassete tha mere neighbour ke paas un se suna kai baar ...aur fir vahi Parul ki bataai gai line bahut chhuti thi.<BR/><BR/>Tavalin ke liye kya kahu.n...Ishwar GUrmeet ji ko ye dukh sahane ki shakti pradaan kare.nकंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-67689579965035330802008-10-15T01:45:00.000+05:302008-10-15T01:45:00.000+05:30....... ?? ............. ?? ......दिलीप कवठेकरhttps://www.blogger.com/profile/16914401637974138889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-39159585290893404872008-10-12T22:58:00.000+05:302008-10-12T22:58:00.000+05:30Abhi kuch dinon pehle Junoon par lokgeet gayika Ma...Abhi kuch dinon pehle Junoon par lokgeet gayika Malini Awasthi ne ise apni aawaaz dee thi. Jagjit Kaur Khayaam Sahab ki patni hain ye soochna aapki is geet ke bare mein doosri post se mili thi.<BR/><BR/>Sanjay bhai tavleen ke bare mein jaan kar dukh hua. Yahi prarthna karoonga ki narang sahab ko bhagwaan dukh sahne ki shakti de.Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-62594454671666493872008-10-12T22:37:00.000+05:302008-10-12T22:37:00.000+05:30संजय भाई तवलीन के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ । ये...संजय भाई तवलीन के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ । ये पोस्ट तवलीन के नाम की जाती है । <BR/>भगवान उसकी आत्मा को शांति दे ।Yunus Khanhttps://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-63024943821412643342008-10-12T22:25:00.000+05:302008-10-12T22:25:00.000+05:30Behad marmik :(Behad marmik :(लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-28800259468475621282008-10-12T22:12:00.000+05:302008-10-12T22:12:00.000+05:30यूनुस भाईबड़े भारी मन से ये टिप्पणी लिख रहा हूँ.जब ...यूनुस भाई<BR/>बड़े भारी मन से ये टिप्पणी लिख रहा हूँ.<BR/>जब आपकी यह पोस्ट पढ़ रहा था तब मेरे एक अनन्य संगीतप्रेमी मित्र डॉ.गुरमीतसिंह नारंग का एस.एम.एस.आया ...मज़मून था...मेरी बेटी तवलीन बीती रात मुझे हमेशा के लिये छोड़ गई.ग़ौरतलब है कि दसवीं कक्षा की मेधावी छात्रा तवलीन पिछले दो बरसों से घुटने के कैंसर से पीड़ित थी . एक बरस मुंबई के प्रतिष्ठित दवाख़ाने में रही और एक बरस से इन्दौर में स्वास्थ्य लाभ कर रही थी. लगता था कि सब ठीक हो रहा है लेकिन पिछले एक दो महीने से उसकी तबियत लगातार गिरती जा रही थी. ये नितांत निजी बात इसलिये आपसे बाँट रहा हूँ कि तवलीन ने कुछ बरसों पहले अपनी माँ और भाई को भी गवाँ दिया था. लेकिन डॉ.नारंग साहब की तारीफ़ करनी होगी कि उन्होने तवलीन की ख़ैरियत के लिये कोई कोशिश बाक़ी नहीं रखी. वे ख़ुद माँ बनकर तवलीन की ख़ातिर कर रहे थे. दो साल से गुरमीत भाई ने अपनी फ़ैक्ट्री जाना भी तक़रीबन बंद कर रखा था. बेटी को ऐसा दुलार और सार-सम्हाल देना वाक़ई प्रशंसनीय है ...लेकिन आज ऐसा लगा कि आपने ये पोस्ट मेरे मित्र के लिये अपनी नाज़ों से पाली बेटी के नाम ही जारी दी हो.एस.एम.एस.मिलने के बाद ये कमेंट लिखने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था और मन को कुछ व्यवस्थित कर के अब लिखने बैठा हूँ....<BR/><BR/>आइये....तवलीन को याद करते हुए मुनव्वर राना साहब का लिखा ये शे’र अपनी तमाम बहन/बेटियों के नाम कर दें.......<BR/><BR/>ऐसा लगता है कि जैसे ख़त्म मेला हो गया<BR/>उड़ गई आँगन की चिड़या घर अकेला रह गया.संजय पटेलhttps://www.blogger.com/profile/04535969668109446884noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-36158246969943332682008-10-12T20:24:00.000+05:302008-10-12T20:24:00.000+05:30बहुत ही प्यारा गाना है। सुनवाने के लिए शुक्रिया आप...बहुत ही प्यारा गाना है। सुनवाने के लिए शुक्रिया आपका।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-21932427076857867932008-10-12T18:29:00.000+05:302008-10-12T18:29:00.000+05:30"हम तो बाबुल तोरे बेले की कलियांघर-घर मांगी हैं जा..."हम तो बाबुल तोरे बेले की कलियां<BR/>घर-घर मांगी हैं जाये अरे लखियां बाबुल मोहे । "<BR/><BR/>बहुत ही सुन्दर! भगवान से ये ही प्रार्थना की घर-घर मांगी जायें ये कलियां।<BR/><BR/>सुनवाने के लिये शुक्रिया।नितिन | Nitin Vyashttps://www.blogger.com/profile/14367374192560106388noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-3769876668251170662008-10-12T16:45:00.000+05:302008-10-12T16:45:00.000+05:30हम तो बाबुल तोरे पिंजरे की चुनियाअरे कुहुक कुहुक र...हम तो बाबुल तोरे पिंजरे की चुनिया<BR/>अरे कुहुक कुहुक रह जाएं ।।<BR/>काहे को ब्याहे बिदेस ।। <BR/>दिल को चीर जाता है यह गाना ...शुक्रिया इसको सुनवाने कारंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-36925203212218525092008-10-12T14:53:00.000+05:302008-10-12T14:53:00.000+05:30भाई गाना सुनाकर पुरानी यादे तरोताजा हो गई है जी कर...भाई गाना सुनाकर पुरानी यादे तरोताजा हो गई है जी करता है कि आज दिनभर सुनता रहूँ . धन्यवाद्.महेंद्र मिश्र....https://www.blogger.com/profile/02639240293870813407noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-73421206921225795832008-10-12T13:43:00.000+05:302008-10-12T13:43:00.000+05:30मेरी पत्नी भाव विभोर हो गयी हैं, यूनुस!मेरी पत्नी भाव विभोर हो गयी हैं, यूनुस!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-32723929874032672292008-10-12T12:45:00.000+05:302008-10-12T12:45:00.000+05:30अरे बीरन ने खाई पछाड़, अरे लखियां बाबुल मोहे ।काहे...अरे बीरन ने खाई पछाड़, अरे लखियां बाबुल मोहे ।<BR/>काहे को ब्याहे बिदेस ।। ॥ rula diye aap..adhbhut likha aur gayaa gayaa hai...पारुल "पुखराज"https://www.blogger.com/profile/05288809810207602336noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-60821460963024727842008-10-12T11:22:00.000+05:302008-10-12T11:22:00.000+05:30युनुस भाई, बहुत बहुत आभार इस दिलकश नगमे के लिए. जग...युनुस भाई, बहुत बहुत आभार इस दिलकश नगमे के लिए. जगजीत कौर की आवाज के तो हम मुरीद हैं पर अफ़सोस की बात है कि उनके एलबम्स मार्केट में नहीं मिलते. शायद कोई रिलीज ही नहीं हुआ होगा. छिट-पुट अलग-अलग फिल्मों से कुछ गीत ही मिल पाते हैं.<BR/><BR/>वे खय्याम साहब की पत्नी हैं, ये बात पता नहीं थी, या शायद कभी सुना होगा पर याद नहीं था. खय्याम साहब का एक अलग ही निराला अंदाज है. क्या दौर था वो भी. अक्सर उस समय का कोई गीत सुनकर आप संगीतकार के नाम का अंदाजा लगा सकते हैं. हर एक का अपना अलग अंदाज हुआ करता था. आजकल तो सभी एक जैसे ही कर्णकटु लगते हैं. कोई अन्तर नहीं.Ghost Busterhttps://www.blogger.com/profile/02298445921360730184noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-79736492900042764912008-10-12T10:16:00.000+05:302008-10-12T10:16:00.000+05:30सुबह सुबह दिन अच्छा कर दिया आपने.. :)दीदी कि याद भ...सुबह सुबह दिन अच्छा कर दिया आपने.. :)<BR/>दीदी कि याद भी दिला दी.. :(PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.com