tag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post4180043022088410958..comments2024-02-21T13:54:06.301+05:30Comments on रेडियो वाणी: 'अल्लाह मेघ दे'.... मूल बांग्ला गीत, अब्बासुद्दीन अहमद की आवाज़। Yunus Khanhttp://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-61929618682520777002016-07-07T22:30:25.755+05:302016-07-07T22:30:25.755+05:30एक मन मोहक सी बांसुरी की धुन बजा करती थी जो भी सुन...एक मन मोहक सी बांसुरी की धुन बजा करती थी जो भी सुनता समझ जाता था कि दिन के ३ बज गए हैं। जी हाँ मैं लोकसंगीत के प्रोग्राम की धुन की बात कर रहा हूँ। क्या कोई मेरी मदद कर सकता है उस धुन को डाउनलोड करने में। आपसे खास अपेक्षा है यूनुस जी Ambika P Panthttps://www.blogger.com/profile/03485698576744171853noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-18084534886908125722016-06-12T14:44:27.270+05:302016-06-12T14:44:27.270+05:30क्या बात है! शब्द दिखाई पड़ते हैं तो सुनने का मज़ा ह...क्या बात है! शब्द दिखाई पड़ते हैं तो सुनने का मज़ा ही कुछ और हो जाता है। <br />इस बरस तो ये गाना ख़ास तौर पर सुनना लाज़मी है क्योंकि इसमें जून के तपते महीने में रमज़ान के रोज़ेदारों की कातर पुकार सुनाई दे रही है -<br />"दूसरे पहर की बेला, बालू उड़ाती आँधी, धूप से फटता कलेजा और प्यास से बेहाल लोगों को मेघ भेजकर कुछ तो राहत दे, मेरे अल्लाह!"<br />सुभानअल्लाह यूनुस भाई !Shubhra Sharmahttps://www.blogger.com/profile/13752307321942670213noreply@blogger.com