tag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post2365394742248677410..comments2024-02-21T13:54:06.301+05:30Comments on रेडियो वाणी: मैं अकेला हूं धुंध में 'पंचम' : गुलज़ार, भूपिंदर और 'चांद परोसा है'Yunus Khanhttp://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-37798126412327668172016-01-04T14:22:50.877+05:302016-01-04T14:22:50.877+05:30बहुबहुत मार्मिक बहुबहुत मार्मिक शाहनाज़ इमरानी https://www.blogger.com/profile/09849083856013291805noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-44249455900674227062010-01-06T21:08:10.192+05:302010-01-06T21:08:10.192+05:30मैंने अपने छात्र जीवन में ये डबल कैसट एलबम खरीदी थ...मैंने अपने छात्र जीवन में ये डबल कैसट एलबम खरीदी थी पर इसके कुछ गाने सुन कर वो लुत्फ नहीं आया था जिसकी अपेक्षा मेंने इससे की थी। अब ये भी याद नहीं कि इस नज़्म तक पहुँच पाया था कि नहीं। मुझे लगता हें कि ऐसी नज़्में सिर्फ पढ़ी जाएँ तो कहीं ज्यादा असरदार होती हैं। गुलज़ार की आवाज़ में इसे सुनना बहुत अच्छा लगा।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-6755673179329443592010-01-04T22:48:47.527+05:302010-01-04T22:48:47.527+05:30पंचम दा के प्रयोग कभी कभी इतने अधिक हो जाते थे कि ...पंचम दा के प्रयोग कभी कभी इतने अधिक हो जाते थे कि मेलोडी के साथ कंप्रोमाईज़ हो जाता था. जैसे कि स्केल चेंज करने का उनका अंदाज़ जुदा था और मधुर भी. मगर कभी कभी एक ही मुखडे में या अंतरे में विवादी स्वर या कोर्ड्स लगाकर वे नया प्रयोग करते , जिससे रस निष्पत्ति नहीं हो पाती थी.<br /><br />मगर ऐसे गीत बहुत ही कम है. आज एक गीत सुन रहा था- आ देखें ज़रा, जिसमें ऒर्केस्ट्राईज़ेशन आज़ से और ट्रीटमेंत से कही ये नहीं लगता था कि ये गीत २०-२० साल पहले रचा गया था.<br /><br />आज के संगीतकारजो भी परोस रहें है, उनमें अधिकतर सिर्फ़ झंकार बीट्स मुख्य रहता है, बाकी सभी गौण.दिलीप कवठेकरhttps://www.blogger.com/profile/16914401637974138889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-56100896049646579562010-01-04T22:25:02.105+05:302010-01-04T22:25:02.105+05:30pancham da....ki smiriti ko naman...-noopurpancham da....ki smiriti ko naman...-noopurUnknownhttps://www.blogger.com/profile/03062799795639006593noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-75468984989830575142010-01-04T19:34:14.657+05:302010-01-04T19:34:14.657+05:30बड़े दिनों बाद आपकी कोई पोस्ट दिखी. पंचम का भला कौ...बड़े दिनों बाद आपकी कोई पोस्ट दिखी. पंचम का भला कौन फैन नहीं होगा ! नववर्ष की शुभकामनायें !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-44178925535231711542010-01-04T07:50:46.812+05:302010-01-04T07:50:46.812+05:30पंचम दा को सादर स्मरण ...
नव वर्ष की बहुत शुभकामना...पंचम दा को सादर स्मरण ...<br />नव वर्ष की बहुत शुभकामनायें ....!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-76392495699934133882010-01-04T05:53:15.689+05:302010-01-04T05:53:15.689+05:30भूपिंदर सिंह की आवाज को आपके विवरण के साथ सुनना खू...भूपिंदर सिंह की आवाज को आपके विवरण के साथ सुनना खूबसूरत रहा ! <br />सुन्दर प्रस्तुति !Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-66375652609268986442010-01-03T14:35:29.713+05:302010-01-03T14:35:29.713+05:30पंचम दा को सादर नमन.
रामराम.पंचम दा को सादर नमन.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-64138964752937661742010-01-03T14:06:36.708+05:302010-01-03T14:06:36.708+05:30पंचम दा को भावभीनी श्रधान्जलीपंचम दा को भावभीनी श्रधान्जलीरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.com