tag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post1443098476240948055..comments2024-02-21T13:54:06.301+05:30Comments on रेडियो वाणी: कौन रंग मुंगवा कौन रंग मोतिया, कवन रंग ननदी-आईये रामकैलाश यादव को सुनेंYunus Khanhttp://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-12144852261461108072007-10-29T09:58:00.000+05:302007-10-29T09:58:00.000+05:30मरती हुई लोक गायकी को बचाने के आख़िरी प्रयास. बधाई....मरती हुई लोक गायकी को बचाने के आख़िरी प्रयास. बधाई.इरफ़ानhttps://www.blogger.com/profile/10501038463249806391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-57348181832716329162007-10-28T20:14:00.000+05:302007-10-28T20:14:00.000+05:30बहुत सुंदर, नि:संदेह प्रसन्श्नीय है......!बहुत सुंदर, नि:संदेह प्रसन्श्नीय है......!रवीन्द्र प्रभातhttps://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-90718493059611417802007-10-28T19:16:00.000+05:302007-10-28T19:16:00.000+05:30अरे इ त हमरे गाँव क गीत बा! बहुत सुन्दर!अरे इ त हमरे गाँव क गीत बा! <BR/>बहुत सुन्दर!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-85062669281608327912007-10-28T15:17:00.000+05:302007-10-28T15:17:00.000+05:30मिट्टी के सौंधी खु़शबू में भीगी इस प्रस्तुति से यु...मिट्टी के सौंधी खु़शबू में भीगी इस प्रस्तुति से युनूस भाई विविध भारती से प्रसारित होने वाले लोक-संगीत कार्यक्रम की याद आ गई...कितने बरसों तक दोपहर तीन बजे बजता रहा वह कार्यक्रम. हमारे देश की सतरंगी तहज़ीब का परचम था वह कार्यक्रम. फ़िर शुरू करवाइये न उसे.sanjay patelhttps://www.blogger.com/profile/08020352083312851052noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-52231788773491061682007-10-28T12:00:00.000+05:302007-10-28T12:00:00.000+05:30मैंने राम कैलाश को आमने-सामने सुना है कैलाश गौतम ज...मैंने राम कैलाश को आमने-सामने सुना है कैलाश गौतम जी के स्नेह से। <BR/>भाई<BR/>राम कैलाश कहीं से भी भोजपुरी के गायक नहीं है....यह खाँटी अवधी है कृपया इसे सुधार लें...हर लोक भाषा भोजपुरी नहीं होती।<BR/>यह मेरे अवध की अवधी है।<BR/>अच्छी प्रस्तुति<BR/>बदायुनी कब....सुना रहे हैं....। मन्ना डे कहाँ हैं...मधुकर राजस्थानी वालेबोधिसत्वhttps://www.blogger.com/profile/06738378219860270662noreply@blogger.com