tag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post1057963562329690899..comments2024-02-21T13:54:06.301+05:30Comments on रेडियो वाणी: हरियाणा की लोकरंग में रंगा--'तू राजा की राजदुलारी मैं सिर्फ़ लंगोटे वाला सूं' : मास्टर राजबीर की आवाज़Yunus Khanhttp://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-77742664259495087532009-12-24T13:16:17.457+05:302009-12-24T13:16:17.457+05:30Lovely blog.
Yunus bhai can we have a facebook gr...Lovely blog.<br /><br />Yunus bhai can we have a facebook group with a name radiovani ??Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-46736719045805935312009-12-24T13:14:21.642+05:302009-12-24T13:14:21.642+05:30lovely !!
Yunus bhai are u on facebook ??Can we c...lovely !!<br /><br />Yunus bhai are u on facebook ??Can we create a group there..with a name radiovani ??Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-45240375144007299712009-12-20T18:33:34.139+05:302009-12-20T18:33:34.139+05:30जन्मदिन मुबारक!जन्मदिन मुबारक!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-17467287768992345942009-12-20T11:31:35.114+05:302009-12-20T11:31:35.114+05:30युनुस भाई जन्मदिन की बहुत बहुत मुबारक ।युनुस भाई जन्मदिन की बहुत बहुत मुबारक ।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-6283967719724768152009-12-06T11:11:21.897+05:302009-12-06T11:11:21.897+05:30प्रस्तुत गीत को सुनाने के लिये धन्यवाद.
आजकल के ...प्रस्तुत गीत को सुनाने के लिये धन्यवाद. <br /><br />आजकल के गाने अधिकतर रिदम/परकशन वाद्यों की खिचडी लिये होते हैं, मगर ये गीत पारंपरिक वाद्यों के साथ आधुनिक वाद्यों का हलका सा फ़्युज़न लिये हुए है, जो बेहत सुहाता है. <br /><br />साथ ही , लोक गीत की सुगंध लिये इस गीत में स्नेहा नें सुरों में हलका सा कनसुरापन और लय में ओव्हररन किया हुआ बरकरार रखा है, जिससे यह गीत अपनी मूल पहचान रखने में कायम रहा है. वर्ना , आजकल के गीतों में मेट्रोनोम की वजह से लय बंध जाती है, और असहजता मेहसूस होती है.गायक कट पेस्ट से अपना गाना भले ही लय में ले आता है, मगर सांस लेने की जगह भी कहीं कहीं दिखती नहीं.<br /><br />गीत के बोलों के बारे में कुछ भी कहना बचा ही नहीं है. ठेठ बोल, मन की किवडिया खोल कर दिल में उतर जाते हैं.<br /><br />स्नेहा का रिदम पर पकड अविश्वसनीय है. बचपन से देखते आ रहे हैं उसे, लगता नहीं था यह इतनी गुणी निकलेगी. उसके लिये शततः शुभकामनायें....दिलीप कवठेकरhttps://www.blogger.com/profile/16914401637974138889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-21977113816609693322009-12-05T20:54:21.112+05:302009-12-05T20:54:21.112+05:30राहुल जी ने सही कहा है.... बहरहाल बढ़िया प्रस्तुति...राहुल जी ने सही कहा है.... बहरहाल बढ़िया प्रस्तुति...योगेन्द्र मौदगिलhttps://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-16520654560971767312009-12-05T00:03:15.380+05:302009-12-05T00:03:15.380+05:30युनुस भाई
नमस्कार
आपके ब्लॉग को काफी समय से follow...युनुस भाई<br />नमस्कार<br />आपके ब्लॉग को काफी समय से follow कर रहा हूँ - एक शानदार ब्लॉग के लिए बधाई स्वीकार करें.<br />मेरी समझ के मुताबिक, यह रागिनी शिव पार्वती विवाह के सन्दर्भ में है, जो कि हरियाणा में काफी प्रचलित है और धार्मिक से ज्यादा सामाजिक और आंचलिक परिपेक्ष्य में देखि जानी चाहिए. <br />पार्वती के विवाह के आग्रह पर शिव उसे विभिन्न तर्क दे कर विवाह से उन्मुख कर रहे हैं, पंक्तियाँ थोड़ी ठीक कर देने से स्पष्ट होगा - <br />तू राजा की राज-दुलारी, मैं सिर्फ लंगोटे वाला सूं (हूँ का हरियाणवी बोल)<br />भांग रगड़ के पिया करूं मैं, उंडी (कटोरा) - सोटे (दंड) वाला सूं <br />(शिव की वेश भूषा ध्यान कीजिये)...<br /><br />तू राजा की छोरी सै, मेरे एक भी दासी दोस्त नहीं <br />शाल दुशाले ओढ़न वाली, म्हारे कम्बल तक भी पास नहीं...<br />तू बागां की कोयल सै (है) अढे (यहाँ) बर्फ पड़े, हरी घास नहीं <br />किस तरयाँ (तरह) दिल लागेगा तेरा, सतरा चौ प्रकाश नहीं <br />किसी साहूकार के (यहाँ 'से' के अर्थ में प्रयुक्त) ब्याह करवाले, मैं खाली सोटे वाला सूं.<br />भांग-----<br />मैं धूनी तपा करूँ, तू आग देख के डर जायगी, <br />रंग घोल के पिया करूं, मेरा राग देख के डर जायगी <br />सौ सौ साल पड़े रहे जल में, तू नाग देख के डर जाएगी.<br />तांडव नाच करे बन में, रंग राग देख के डर जायगी <br />तने (तुझे) जुल्फां (ज़ुल्फ़) वाला छोरा चाहिए (यानी मोडर्न), <br />मैं लाम्बे (लम्बे) चोटे (जटा) वाला सूं.<br />भांग----<br /><br />आशा है इस सन्दर्भ के साथ इस रागनी के पूरे लुत्फ़ उठा पाएंगे आप और आप के अतिथि.Rahul Gaurhttps://www.blogger.com/profile/07435518686025024393noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-26309060624234752912009-12-04T06:06:32.067+05:302009-12-04T06:06:32.067+05:30मुझे आपका ब्लॉग बहुत अच्छा लगा! बहुत सुंदर गाना है...मुझे आपका ब्लॉग बहुत अच्छा लगा! बहुत सुंदर गाना है और ये मेरा पसंदीदार गाना है!<br />मेरे ब्लोगों पर आपका स्वागत है!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-33276250204988790152009-12-04T01:05:03.734+05:302009-12-04T01:05:03.734+05:30धन्यवाद युनुस जी,
मैं भी इस गाने के बारे में जानने...धन्यवाद युनुस जी,<br />मैं भी इस गाने के बारे में जानने के लिये उत्सुक थी और सुनने के लिये भी.muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-78470770286800428962009-12-02T19:22:19.342+05:302009-12-02T19:22:19.342+05:30अभी शमसुलभाई से मुलाक़ात हुई तो उन्होंने रागिनी पर ...अभी शमसुलभाई से मुलाक़ात हुई तो उन्होंने रागिनी पर विस्तार से जानकारी दी थी साथ ही इसी पर आधारित कुछ क्रांतिकारी गाने भी जो उनकी टीम ने बनाये थे।<br /><br />यहां सुन के आनन्द आ गया।Ashok Kumar pandeyhttps://www.blogger.com/profile/12221654927695297650noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-32546653456364927112009-12-02T16:05:21.869+05:302009-12-02T16:05:21.869+05:30यूनुस जी वाह मजा आ गया। हम ठहरे हरियाणा के। कई बार...यूनुस जी वाह मजा आ गया। हम ठहरे हरियाणा के। कई बार सोचा कि आपसे फरमाईश करे किसी रागिनी बगैरा की। पर भी बोला नही। हो सके तो एक आध रागिनी मिले तो जरुर सुनाए। अपन की फरमाईश है जी। प्लीज गौर करना। अगर इसे भेज सके तो जरुर भेज दे जब भी समय मिले। शाम को जरुर सुनेगे।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8367368115959607647.post-25251237302447116712009-12-02T15:44:28.602+05:302009-12-02T15:44:28.602+05:30ये गाना तो मुझे बहुत पसंद है
वाह दोबारा सुनकर मज़ा...ये गाना तो मुझे बहुत पसंद है <br />वाह दोबारा सुनकर मज़ा आ गयाअनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.com